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गोवा के सद्गुरु जीवनमुक्त महाराज के आश्रम में संपन्न विद्यमान राष्ट्रधर्म जागरण सभा में हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की प्रशंसा

दांडा, शिवोली (गोवा) के सद्गुरु जीवनमुक्त महाराज के आश्रम में संपन्न विद्यमान राष्ट्रधर्म जागरण सभा में हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की प्रशंसा

डॉ. मनोज सोलंकी (दायीं ओर से तृतीय) का आदर करते हुए (दायीं ओर से) पू. मुकुंदराज महाराज तथा साथ में अन्य मान्यवर

शिवोली – दांडा, शिवोली के सद्गुरु जीवनमुक्त महाराज के मठ में २३ अप्रैल को संपन्न राष्ट्रधर्म जागरण सभा में हिन्दू राष्ट्र हेतु निरंतर कार्य करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की प्रशंसा की गई । हिन्दू जनजागृति समिति के गोवा राज्य समन्वयक डॉ. मनोज सोलंकी ने इस सम्मान को स्वीकार किया । साथ ही गोवा में गोरक्षा का कार्य करनेवाले श्री. हनुमंत परब तथा मंत्र-तंत्र के माध्यम से व्याधि निवारण करनेवाले पुणे के डॉ. मोहन फडके, कोल्हापुर के पंचांगविद्यातज्ञ श्री. सतीश सहस्रबुद्धे, आध्यात्मिक कार्य करनेवाले नगर के श्री शीतल महाराज तथा मुंबई के श्री मनोहरानंद स्वामी को उस समय जीवनगौरव पुरस्कार प्रदान किया गया, साथ ही उस समय ज्ञानदीप प्रतिष्ठान गोवा तथा दो स्थानीय पत्रकारों का भी सम्मान किया गया ।

श्री सदगुरु जीवनमुक्त महाराज जन्मशताब्दी महोत्सव के अवसर पर इस राष्ट्रधर्म जागरण सभा का आयोजन किया गया था । सभा से पूर्व गीतरामायण का कार्यक्रम संपन्न हुआ । सभा में पू. मुकुंदराज महाराज के हाथों उपस्थित लोगों का सम्मान किया गया । उस समय व्यासपीठ पर सत्कारमूर्ति के साथ कला तथा संस्कृति मंत्री दयानंद मांद्रेकर, पू. शाहु महाराज, पुणे के देशभक्त कोषकार चंद्रकांत शहासने इत्यादि उपस्थित थे । सूत्रसंचालन श्री. विनय मडगांवकर ने किया, तो सम्मान श्री. शिवाजी देसाई ने किया । उस समय इन्स्टिट्यूट मिनेजिस ब्रागांजा संस्था के अध्यक्ष श्री. संजय हरमलकर, शिवसेना भूतपूर्व राज्यप्रमुख श्री. रमेश नाईक भी उपस्थित थे । कार्यक्रम के अंत में ‘संतों की मांदियाली’ यह महानाट्य प्रस्तुत किया गया । मंत्री दयानंद मांद्रेकर ने अपने वक्तव्य में यह बताया कि ‘हमें स्वतंत्रतावीर सावरकर का विस्मरण हो गया है । देश की अराजकता दूर करने के लिए भारत को सावरकर समान महान नेता की आवश्यकता है ।’ उस समय गौरवमूर्ति डॉ. मोहन फडके ने बताया कि ‘हिन्दू धर्म के प्रत्येक कृत्य के पीछे विज्ञान है । इस विज्ञान से हमें परिचय करना होगा । उस समय पू. शाहू महाराज का मार्गदर्शन तथा श्री. चंद्रकांत शहासने ने भी वक्तव्य दिए ।

क्षणिकाएं

१. उस समय स्वतंत्रतावीर सावरकर के विचार एवं जीवनपट दर्शानेवाली स्वतंत्रतावीर सावरकर की चित्रप्रदर्शनी का आयोजन किया गया था । इस प्रदर्शनी का अनावरण श्री. संजय हरमलकर के हाथों किया गया । उस समय श्री. रमेश नाईक तथा पू. शाहु महाराज, पू. मुकुंदराज महाराज उपस्थित थे ।

२. श्री. रमेश नाईक ने ये उद्गार व्यक्त किए कि ‘ऐसी प्रदर्शनी इससे पूर्व हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था के साधक आयोजित करते थे; किंतु अब जीवनमुक्त महाराज मठ में भी इस प्रकार की प्रदर्शनी आयोजित की गई है, मुझे इस बात से आनंद है ।’

३. हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से वहां देशभक्तों पर फलक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी ।

स्त्राेत : दैनिक सनातन प्रभात

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