पणजी – रणरागिनी शाखा द्वारा शासन से यह मांग की गई कि ‘अब खेदपूर्वक यह कहना पडता है कि देवभूमि गोवा में कांग्रेस शासन ने कैसिनो विकृति को स्वीकार किया है । परंपरावादी कहनेवाले तथा सत्ता पर आने से पूर्व कैसिनो के विरुद्ध नीति अपनानेवाले भाजपा शासन ने यह विदेशी विकृति गोवा पर अंकित की है । भारत में कैसिनो-समर्थकों का गोवा को मकाऊ (विदेश का जुआरी शहर) करने का षडयंत्र है । कैसिनो के कारण गोवा का अस्तित्व ही संकट में आ गया है; इसलिए यदि उसे अभी से प्रतिबंधित नहीं किया गया, तो भविष्य में उसके गंभीर परिणाम भुगतने पडेंगे । गोवा राज्य कैसिनो मुक्त कर गोवा की संस्कृति की रक्षा करना, यही वर्तमान समय की आवश्यकता है ।’
सत्ता में आने के पश्चात् ‘मांडवी का तैरता कैसिनो अरबी समुद्र में फेंक देंगे’, ऐसा आश्वासन देनेवाले भाजपा शासन ने अब मांडवी नदी में रॉयल फ्लॉटेल, इस पांचवें कैसिनो की अनुमति मार्च २०१७ तक बढा दी है, तो भाजपा शासन ने उर्वरित चार कैसिनों की अनुज्ञप्ति मार्च २०१७ तक बढाई है । यदि भाजपा शासन ने कैसिनो की विकृति गोवा में अंकित की, तो आगे के संकट की ओर ध्यान देना ही चाहिए । कैसिनो के कारण जुआरी वृत्ति को प्रोत्साहन प्राप्त होता है तथा नागरिकों में जुए का व्यसन उत्पन्न होता है । कैसिनो खेल कर सर्वस्व खोने के कारण वैफल्यपीडित (विफलता) अवस्था हो जाने के कारण व्यक्ति आत्महत्या करने के लिए प्रवृत्त होता है । ऐसी घटनाएं भी समाचारपत्रिकाओं में अनेक बार प्रकाशित हुई हैं । सर्वस्व खो देने के कारण वैफल्यपीडित परिवारों की महिलाएं भाजपा के विधायकों तक यह विषय लेकर गई थीं, ऐसे समाचार भी वर्तमान में प्रकाशित हुए हैं । कैसिनो के कारण परिश्रम करने की अपेक्षा जुआ खेल कर त्वरित धन प्राप्त करने की आदत हो जाती है । भावी पीढी पर इस प्रकार के अनुचित संस्कार अंकित होने से वह विनाश के मार्ग पर अग्रसर होगी । जुए के कारण वेश्याव्यवसाय, मद्यपान, महिलाओं के साथ अश्लील व्यवहार, इत्यादि कुप्रथाओं को भी गति प्राप्त होती है । नकली नोट (रुपये), साथ ही काले धन का उपयोग करने के लिए सहायता प्राप्त होती है । अपराधों में वृद्धि होकर सामाजिक संबंध बिगड जाते हैं । देवभूमि के रूप में पहचाने जानेवाले गोवा की परंपरा तथा संस्कृति नष्ट हो सकती है । यदि नागरिकों के प्राणों के साथ खिलवाड कर धन प्राप्ति करने का यह प्रकरण बंद नहीं किया गया, तो इसका विरोध करने हेतु तीव्र आंदोलन आयोजित किया जाएगा ।
रणरागिनी ने शासन से निम्ननिर्देशित मांगें की हैं ।
१. गोवा राज्य कैसिनोमुक्त करें ।
२. समुद्र तथा होटल में चलनेवाले कैसिनो को अनुज्ञप्ति देने के लिए गैम्बलिंग प्रिवेंशन ऐक्ट ऑफ १९७६, इस अधिनियम में किए गए सुधार में परिवर्तन करें ।
३. मद्यपान तथा सिगार पीना, इन विज्ञापनों पर जिस प्रकार पाबंदी लगाई गई है, उसी प्रकार गोवा गैम्बलिंग प्रिवेंशन ऐक्ट ऑफ १९७६ के अनुसार कैसिनो के विज्ञापनों पर पाबंदी लगानी चाहिए ।
स्त्राेत : दैनिक सनातन प्रभात