उज्जैन सिंहस्थ पर्व !
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की ओर से ‘सत्यम् शिवम् सुंदरम् आध्यात्मिक मेले का आयोजन
हिंदू जनजागृति समिति का सहभाग
उज्जैन : उज्जैन सिंहस्थपर्व के दत्त आखाडा क्षेत्र में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से सत्यम् शिवम् सुंदरम् आध्यात्मिक मेला कार्यक्रम में चैतन्य देवी की प्रदर्शनी लगाई गई थी ।
उसका उद्घाटन भगवद्गीता कथावाचक पण्डित देवकीनंद ठाकुरजी महाराज एवं हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के हस्तों दीप प्रज्वलन कर किया गया ।
इस प्रदर्शनी में काल के अनुसार देवी के रूप एवं कार्य में किस प्रकार परिवर्तन होता आया है, इसकी जानकारी दृकश्राव्य माध्यम से प्रस्तुत की गई । हिन्दू संस्कृति में नारी सर्वत्र पूजनीय है । इस संस्था के माध्यम से अथक परिश्रम कर कार्य करनेवाली दीदीजी का मैं वंदन करता हूं ।
पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा, ईश्वरीय हिन्दू राष्ट्र काल की आवश्यकता है । इस कार्य का आरंभ हो चुका है । स्त्री देवी का प्रतीक है; इसलिए वह सभी स्थानों पर पूजनीय है । वह अखंड शक्ति का स्रोत है ।
इस कार्यक्रम के कुछ चित्ररूप अंश . . .
ब्रह्मकुमारी संस्थान के पीस ऑफ माईंड दूरचित्रवाहिनी पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के साक्षात्कार का सीधा प्रसारण
अध्यात्म के बिना विज्ञान का अर्थ विनाश के मार्ग पर अग्रसर होने के समान है ! – पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय महाविद्यालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी से पू. डॉ. ब्रह्मकुमारी मंजू बहन ने साक्षात्कार किया । इस साक्षात्कार का ब्रह्मकुमारी संस्थान की पीस ऑफ माईंड दूरचित्रवाहिनी पर सीधा प्रसारण किया गया ।
इस अवसर पर विज्ञान एवं अध्यात्म में किस प्रकार से समानता है, यह बताते हुए पू. डॉ. पिंगळेजी ने कहा, अध्यात्म एवं विज्ञान का संबंध पिता-पुत्र जैसा है । जिस प्रकार से जड के बिना वृक्ष नहीं होता, उसी प्रकार अध्यात्म के बिना विज्ञान नहीं है । अध्यात्म के बिना विज्ञान का अर्थ विनाश के मार्ग पर अग्रसर होना है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात