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उज्जैन सिंहस्थ में भक्त एवं हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा फेरी के माध्यम से प.पू. संत आसारामबापू को मुक्त करने की मांग !

उज्जैन सिंहस्थपर्व !

संतों पर अन्याय करना रोकें अन्यथा रावण, कंस तथा कौरवों के समान आपका भी नाश होगा ! – पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

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उज्जैन (मध्यप्रदेश) : संतश्री आसारामबापूु के ७९ वें प्रकट दिवस के अवसर पर श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा आयोजित भव्य फेरी में कुछ मागें की गर्इं ।

वे पृथक मांगें इस प्रकार हैं ….

‘अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शीघ्र से हाे, प.पू. संतश्री आसारामबापू के साथ साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर तथा अन्य हिन्दुत्वनिष्ठों पर किए गए झूठे परिवाद वापस लें, शासन अधिग्रहित मंदिरों का धन गोरक्षा हेतु व्यय करें, मुंबई का देवनार पशुवधगृह बंद करें, गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करें ।’

उस समय विश्व हिन्दू परिषद, सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति तथा संतों को एकत्रित कर उज्जैन शहर में भव्य फेरी का आयोजन किया गया । उस समय प.पू. संतश्री आसारामबापू के मध्यप्रदेश राज्य के सहस्रों भक्त सम्मिलित हुए थे । श्री चामुंडामाता चौक, देवास रोड, श्री महाकालेश्वर महादेव देवस्थान तथा भूखीमाता मंदिर के मार्गों पर दोपहर ३ से सायंकाल के ६.३० बजे तक फेरी का आयोजन किया गया । 

इस फेरी के कुछ चित्ररूप अंश . . .

प.पू. आसाराम बापूजी की प्रतिमा लगाया हुआ चित्ररथ
प.पू. आसाराम बापूजी की प्रतिमा लगाया हुआ चित्ररथ
'संतोंकी रक्षा देश की रक्षा' फलक लगाया हुआ एक वाहन
‘संतोंकी रक्षा देश की सुरक्षा’ फलक लगाया हुआ एक वाहन
फेरी को संबोधित करते हुए वृंदावन के स्वामी धनश्यामानंदजी महाराज
फेरी को संबोधित करते हुए वृंदावन के स्वामी धनश्यामानंदजी महाराज

उस समय भारत जागृति अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. अजय पटेल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी अशोकानंदीजी, भरूच (गुजरात) के महामंडलेश्वर स्वामी रामानंदपुरी महाराज, साध्वी महामंडलेश्वर मैत्री गिरीजी, स्वामी स्वात्मबोधानंद महाराज, शिव ओम मिश्रा, स्वामी चैतन्यदासजी महाराज, महंत भरतरामदासजी महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, वैदिक सनातन धर्म एवं राष्ट्र रक्षा अभियान के डॉ. गंगाराम तिवारी तथा अन्य अनेक मान्यवर सम्मिलित हुए थे ।

उस समय वृंदावन के स्वामी धनश्यामानंदजी महाराज ने सूत्रसंचालन कर संत तथा धर्म पर हो रहे अन्याय के संदर्भ में जागृति की । उस समय साधु-संतों के महाकुंभ का आयोजन होते हुए भी अभीतक संतश्री आसरामबापू कारागृह में कैसे ?, संतश्री आसारामबापूु पर एक भी परिवाद सिद्ध न होने के कारण उन्हें त्वरित मुक्त करें, हिन्दूत्वनिष्ठ शासन होते हुए भी संतश्री आसाराम बापू को जमानत प्राप्त क्यों नहीं हो रही है ? इत्यादि प्रश्न घोषणा तथा गीतों के माध्यम से शासन को पूछे गए ।

संतों पर अन्याय करना रोकें अन्यथा रावण, कंस तथा कौरवों के समान नाश होगा ! – पू.(डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

फेरी को संबोधित करते हुए हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे
फेरी को संबोधित करते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने समापन के अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में यह प्रतिपादित किया कि ‘वर्तमान में भी समाज में राम, कृष्ण तथा पांडवों को वन में भेजने के लिए तत्पर रावण, कंस तथा कौरव जीवित हैं । प्रत्येक कुंभमेले में मंथन होता है । उसमें से जिस प्रकार अमृत बाहर निकलता है, उसी प्रकार विष भी बाहर निकलता है । आज दुर्दैव से हमें विष पीना बाध्य हो रहा है; किंतु यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि जो विष पीता है, वह शंकर होता है और शंकर का कोप जिन पर होता है, पृथ्वी पर विद्यमान उनका अस्तित्व नष्ट हो जाता है ।

अतः संतों पर अन्याय करना छोड दें, अन्यथा जिस प्रकार रावण, कंस तथा कौरवों का नाश हुआ, उसी प्रकार आपका भी होगा ।’

उस समय जय जय महाकाल इस प्रकार का जयजयकार करते हुए फेरी संपन्न हुई ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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