- भारत के हिन्दू एवं साधु-संतों की रक्षा न करनेवाला शासन बांग्लादेश के हिन्दू एवं साधु-संतों की रक्षा कैसे करेगा ?
- विदेश की विविध वार्ता दर्शानेवाले भारतीय प्रसारमाध्यम पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचार दबाते हैं !
ढाका – बांग्लादेश के गोपालगंज जिले में तुंगीपारा में जिहादियों द्वारा एक हिन्दू साधु की चाकू भोंक कर हत्या की गई । हत्या के प्रकरण में पुलिस द्वारा शरिफुल शेख (आयु २५ वर्ष) नामक धर्मांध युवक को बंदी बनाया गया है । साधु का नाम परमानंद राव है तथा उन्होंने पारिवारिक जीवन का त्याग कर धर्मकार्य एवं समाजकार्य हेतु स्वयं को समर्पित किया था । परिवारजनों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ये साधु अपने क्षेत्र में विविध कार्यक्रमों के माध्यम से हिन्दू धर्म का प्रसार कर रहे थे । वे ठाकुर रसराज रॉय के शिष्य थे । (बांग्लादेश में असुरक्षित हिन्दू ! हिन्दुओ, यह ध्यान में लें कि भारत में आपको असहिष्णु सिद्ध करनेवाले तथाकथित पुरोगामी इस्लामी राष्ट्र में आप पर आक्रमण करनेवालों के विरुद्ध भाष्य भी नहीं करते ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. मृत्यु से पूर्व साधु परमानंद ने अपने परिवारजनों को कहा कि साधु परमानंद समीप के गिमादंगा गांव से लौटते समय सायं समय लगभग साढे छः बजे शरिफुल ने उन पर चाकू से आक्रमण किया । उसने साधु के पेट में चाकू घुसा कर उन्हें गंभीर रूप से घायल किया ।
२. साधु को गंभीर स्थिति में ढाका के वैद्यकीय महाविद्यालय के चिकित्सालय में भर्ती किया गया था, वहीं पर उनका अंत हुआ ।
३. शरिफुल को पूर्व से ही साधु परमानंद के हिन्दू धर्मप्रचार का विरोध था । शरिफुल ने उनके धर्म प्रचारकार्य पर अनेक बार आपत्ति दर्शाई थी ।
४. साधु परमानंद के पुत्र दयाल रॉय ने इस प्रकरण में शरिफुल शेख के साथ तीन धर्मांध अपराधियों के विरुद्ध तुंगीपारा पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया है । इस प्रकरण में पुलिसकर्मी आगे अन्वेषण कर रहे हैं ।
स्त्राेत : दैनिक सनातन प्रभात