हिन्दुत्व के विषय में बोलनेवाले संतों को आंतकवादी सिद्ध किया जाता है ! – पू. जगदीश जोशी, संस्थापक, द्वारका आश्रम, उज्जैन
वर्तमान समय में राष्ट्र एवं धर्म विषयक कार्य करने पर नहीं, अपितु सीधी-सादी चर्चा करनेवाले संतों को भी आतंकवादी सिद्ध किया जाता है । इसके विपरीत अन्य पंथ के संत एवं उनकी कुप्रथाओं के विषय में मौन रखा जाता है । इस स्थिति को परिवर्तित करना चाहिए । मेरा एवं सनातन का कार्य एक ही है । साधक तीव्र धूप के रहते हुए भी बाहर मार्ग पर खडे रह कर लोगों को आमंत्रित करते हैं, यह उनके सर्मपण का प्रतीक है । द्वारका आश्रम के संस्थापक पू. जगदीश जोशी ने ऐसा प्रतिपादित किया । सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में उज्जैन सिंहस्थ कुंभक्षेत्र में लगाई गई प्रदर्शनी का भ्रमण करने के अवसर पर वे बोल रहे थे । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे के शुभ हाथों पुष्पहार एवं नारियल देकर उनका सम्मान किया गया ।
क्षणिका : १. कहीं पर भी स्वयं का सम्मान अथवा छायाचित्र न निकालने देनेवाले पू. जगदीश जोशी ने साधकों को सम्मान करने एवं छायाचित्र निकालने हेतु सम्मति दी ।