कश्मीरी हिन्दुओं की संगठित लडाई को सफलता
जिहादी आतंकवाद के कारण वर्ष १९९० में इस मंदिर को बंद करना पडा था !
श्रीनगर – केद्रीय क्षेत्र में स्थित प्राचीन वेताल भैरव मंदिर २७ वर्ष के उपरांत खोला गया । इसके उपरांत कश्मीरी हिन्दुओं ने श्री भैरव देवता का विधिवत् पूजन-अर्चन किया ।
१. वर्ष १९९० में जिहादी आतंकवाद के कारण ४ लाख ५० सहस्र कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर छोड कर जान पडा था । तब से भैरव वेताल मंदिर बंद कर दिया गया था ।
२. तदुपरांत स्थानीय धर्मांधों द्वारा अवैधानिक रूप से एक निर्माणकार्य व्यावसायी के हाथों इस मंदिर की भूमि का विक्रय किया गया ।
३. इस पर कश्मीरी पंडितों द्वारा तीव्र असंतोष व्यक्त किया गया एवं इसके विरुद्ध लडाई करने हेतु कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति स्थापित की गई ।
४. कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के ध्वज के नीचे देश-विदेश के कश्मीरी पंडित संगठित हुए । उन्होंने वैधानिक मार्ग का अवलंब कर मंदिर की भूमि को कथित निर्माणकार्य व्यवसायी के नियंत्रण से सफलतापूर्वक मुक्त किया ।
५. श्री भैरव भगवान की जयंती मनाने की परंपरा पुनः आरंभ करने हेतु पूरे देश तथा विदेश से अनेक कश्मीरी पंडित एकत्रित हुए थे ।
६. एक कश्मीरी हिन्दू द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, १९९० के दशक से पूर्व वेताल भैरव मंदिर में अमरनाथ यात्रा की कालावधि में यात्रियों को निशुल्क भोजन दिया जाता था, इसके अतिरिक्त श्री भैरव भगवान की जयंती का कार्यक्रम बडे हर्षोल्लास से मनाया जाता था । इस समारोह में देश के कोने कोने से भक्त सम्मिलित होते थे ।
कश्मीर के ५८३ मंदिरों में अधिकांश मंदिर जिहादी आतंकवादियों द्वारा उद्ध्वस्त !
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष १९९० से पूर्व कश्मीर में ५८३ मंदिर थे, जिनमें अधिकांश मंदिर जिहादी आतंकवादियों द्वारा उद्ध्वस्त कर दिए गए ।
स्त्राेत : दैनिक सनातन प्रभात