हिन्दुआेंके सर्वोच्च धर्मगुरु के हुए इस अपमान के लिए संबंधित प्रशासन अधिकारीयोंपर कार्यवाही हो, एेसी हिन्दुआेंकी अपेक्षा है – सम्पादक, हिन्दूजागृति
उज्जैन – बुधवार दोपहर २.३० बजे सर्वोच्च हिन्दू धर्म गुरु व् जगन्नाथपुरी गोवर्धनमठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती सिंहस्थ के लिए उज्जैन पहुंचे। एक तो पहले ही ट्रेन देर होने से वे दो घंटे देरी से पहुंचे और ट्रेन से उतरने के बाद प्रशासन द्वारा अव्यवस्था के चलते उन्हें व्हीलचेयर आने की प्रतिक्षा में रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर ४ पर लोहे की रैलिंग पर बैठना पडा। इतना ही नहीं अपितु प्रशासन से उनके स्वागत के लिए भी कोई नहीं पहुंचा।
इतना सबकुछ होने के बाद भी सहज व सरल भावी शंकराचार्यजी किसी पर भी नाराज नहीं हुए। किंतु उनके अनुयायियों में अव्यवस्था के प्रति नाराजगी रही। सिंहस्थ उज्जैन में उनके प्रमुख अनुयायी सुधीर चतुर्वेदी, शिवशंकर शर्मा आदि ने कहा प्रभारी मंत्री भूपेंद्रसिंह को सुबह ही शंकराचार्य के आगमन की जानकारी दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस ने अनुयायियों की गाडिय़ां नही जाने दी और ट्रेन से उतरने के बाद व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं करवाई गई जिसके कारण शंकराचार्यजी को रैलिंग पर ही बैठकर प्रतिक्षा करनी पडी।
वहां पहुंच कर प्लेटफार्म नंबर चार से एक स्थानीय अनुयायी ने शंकराचार्यजी का पुष्पमालाओं से स्वागत किया। दोपहर ३ बजे शंकराचार्य हरसिद्धि मंदिर के सामने रुद्रसागर शिविर स्थल पहुंचे।
स्टेशन से शिविर स्थल तक कई मीडियाकर्मी शंकराचार्यजी के साथ थे। किंतु उन्होंने कही भी बात नहीं की। देरशाम शिविर में शंकराचार्यजी ने इतना ही कहा वे २२ मई तक उज्जैन में ही रहेंगे।
स्त्रोत : रिव्होल्टप्रेस हिन्दी