हिन्दूबहुसंख्यक देश में हिन्दुओं के शौर्य का इतिहास दर्शानेवाला फलक हटाने पर विवश करनेवाली पुलिस भारत की है अथवा पाकिस्तान की ? हिन्दुओंद्वारा लगाया फलक हटाने हेतु पुलिस हिन्दुओं पर दबाव लाती हैं; परंतु धर्मांधोंद्वारा लगाया गया फलक हटाने हेतु हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा परिवाद किए जाने की प्रतीक्षा करते हैं ? ऐसी पुलिसद्वारा हिन्दुओं को कैसे न्याय मिलेगा ?
पुलिस की मुगलाई !
• डिजीटल फलक झलकानेवाले अपराधियों पर तीन पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट !
• हिन्दुत्वनिष्ठों के परिवाद करने पर मुसलमानों द्वारा मिथ्या इतिहास दर्शानेवाले ८ फलक हटाए गए !
इचलकरंजी (जिला कोल्हापुर) : छत्रपति शिवाजी महाराज ने तलवार से हिन्दूद्रोही शाहिस्तेखान की उंगालियां काटनेवाला प्रसंग एक फलक के रूप में यहां के धान्य गली (लेन) के शिवसूर्य मंडलद्वारा लगाया गया था; परंतु सांप्रदायिक वैमनस्य उत्पन्न होने का कारण आगे करते हुए पुलिसद्वारा शिवसूर्य मंडल के कार्यकर्ताओं को यह फलक हटाने पर विवश किया गया !
इसलिए कार्यकर्ताओंद्वारा यह फलक हटाया गया है !
२ मई को यह घटना हुई। शीघ्र कृति दल की पुलिस ने यह कार्रवाई की एवं हिन्दुत्वनिष्ठों ने परिवाद करने पर धर्मांधोंद्वारा मिथ्या इतिहास दर्शानेवाले ८ फलक हटाए गए हैं !
गांधी पुतला क्षेत्र में छत्रपति शिवाजी महाराज ने शाहिस्तेखान की गर्दन को तलवार लगाया हुआ फलक लगाया गया था। हिन्दुत्वनिष्ठों ने नगर के कबनुर, टाकवडे एवं शाहूनगर में छत्रपति शिवाजी महाराजद्वारा अफजलखान का कोथला बाहर निकाला हुआ डिजिटल फलक एवं तांबे मळा में खडी कमान पर अफजलखानवध का छायाचित्र लगाया गया था। पुलिसद्वारा हिन्दुत्वनिष्ठों को ये सभी फलक हटाने के लिए कहा गया परंतु हिन्दुत्वनिष्ठों ने इस फलक को हटाना अस्वीकार किया है ! (अब तक पुलिसद्वारा धर्मांधों को झुकता माप देते हुए एवं हिन्दुत्वनिष्ठों पर बिना कारण के अभियोग प्रविष्ट कर उन पर अत्याचार ही किए गए हैं। इस स्थिति को परिवर्तित करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
धर्मांधोंद्वारा लगाए गए मिथ्या इतिहास दर्शानेवाले फलक हटाए !
नगर के रोशन चौक, साई मंदिर, स्वामी मळा, कबनुर चौक, लिबास चौक, फरांडे मळा तथा जवाहरनगर के साथ ८ स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में निष्ठावंत सैनिक, सरदार, सेनापति मुसलमान थे, इसके साथ अन्य मिथ्या जानकारी डाल कर मिथ्या इतिहास दर्शानेवाले डिजिटल फलक लगाए गए थे। इन में हिन्दूद्वेषी टीपू सुलतान का भी एक फलक लगाया गया था।
इस संदर्भ में यहां के हिन्दुत्वनिष्ठों में क्रोध की लहर दौडी थी !
हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा पुलिस में परिवाद करने के उपरांत, पुलिस के कहने पर धर्मांधों ने ये फलक हटाएं।
३ पुलिस थाने में ‘नोंदणी-कृत’ (रेकॉर्ड पर स्थित) अपराधियों पर, अपराध प्रविष्ट !
शिवजयंती की पार्श्वभूमि पर यहां, नगरपालिका, महसूल, पुलिस एवं सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग की ओर से कोई अनुमति लिए बिना डिजीटल फलक लगाने के संदर्भ में नगर के नोंदणीकृत अपराधियों पर शिवाजीनगर, गावभाग एवं शहापुर पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट किया गया है। इसका परिवाद नरपालिका के मार्केट समन्वय अधिकारी श्री. संपत चौहान ने किया है।
अवैधानिक फलकों के संदर्भ में महाराष्ट्र विरुपण प्रतिबंध कानून धारा ३५ के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उसीप्रकार फलकों के कारण वाहनचालकों का ध्यान विचलित हो कर अपघात के होने कारण सार्वजनिक संपत्ति एवं नागरिकों के प्राण को धोखा उत्पन्न करने के प्रकरण में अपराध प्रविष्ट किया गया है।
मुस्लिम संगठनों की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज के विषय में मिथ्या इतिहास दर्शानेवाले लगाए गए ८ फलक नगर से हटाए गए हैं।
शिवाजी महाराज का यथार्थ इतिहास सामने आना आवश्यक है। इसलिए हमने यहां में ‘अफजलखान वध’ के फलक लगाए हैं। पुलिसद्वारा इस फलक को विरोध दर्शाने पर भी हमने ये फलक नहीं हटाए। इचलकरंजी में होनेवाले आगामी चुनाव सामने रख, कुछ अपराधी मानसिकता के लोगों ने गांव में फलक लगा कर यहां का विद्रुपीकरण किया गया है। इसके लिए पुलिस एवं प्रशासन कारणभूत हैं तथा भविष्य में इनको ही ऐसे फलक हटाने की कार्रवाई करनी चाहिए।
हमारे आवाहन करने पर, गांव के २५ सहस्र घरों पर भगवे ध्वज लगाए गए हैं एवं पूरा नगर भगवामय हो गया है। यहां भगवे ध्वज विक्रय करने के स्टॉल्स एवं दुकाने लगाई गई हैं। वाहनों पर भी भगवे ध्वज लगाए गए हैं। इस से ‘हिन्दुत्व’ जागृत करने का प्रयास किया जा रहा है !
हम सर्वत्र ‘हिन्दुत्व’ का तेज फहराएंगे, विहिंप के कार्याध्यक्ष श्री. बाळ महाराज ने ऐसा प्रतिपादित किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात