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पिंपरे खुर्द (जनपद पुणे) में ग्रामस्थों की सतर्कता के कारण ८ गोवंशों के प्राण बच गए, एक धर्मांध को बंदी बनाया गया

शासन ने गोवंश हत्याबंदी अधिनियम की कडी से कडी कार्रवाई करना आवश्यक !

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पिंपरे खुर्द (जनपद पुणे) : पुरंदर तहसील के पिंपरे खुर्द के ग्रामस्थों की सतर्कता के कारण ८ गोवंशियों के प्राण बच गए हैं ! नीरा पुलिस ने इस संदर्भ में पलायन किए धर्मांध को बंदी बनाया है। (गोरक्षा हेतु नेतृत्व करनेवाले पिंपरे खुर्द ग्रामस्थों का अभिनंदन ! ऐसे सतर्क ग्रामस्थ सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात, दैनिक सनातन प्रभात)

१. पिंपरे खुर्द इस गांव के एक खेत में धर्मांधों की ओर से गोवंशियों की हत्या अधिक मात्रा में हो रही थी। इस संदर्भ में खेत के स्वामी नामदेव कुंडलिक थोपटे के गोघर में अभी भी गोवंश होने की सूचना वहां के नागरिकों ने गोरक्षक तथा पुलिस को दी है !

२. तदनुसार पुलिस ने हिन्दुस्थान गोरक्षक संघ के श्री. पंडित मोडक तथा अन्य गोरक्षकों की सहायता से ६ गौएं तथा २ बछडों को मुक्त किया। उन गोवशियों का प्रबंध वडकी (जनपद पुणे) के सरसेनापती हंबीरराव मोहिते गोशाला में किया गया है।

३. इस संदर्भ मे पलायन किया कसाई अन्वर अख्तर कुरेशी को पुलिस ने बारामती में अधिकार में लिया। थोपटे तथा कुरेशी इन दोनों को सासवड न्यायालय में उपस्थित करने के पश्चात न्यायालय ने उन्हें ३ दिन की पुलिस कोठरी सुनाई है !

४. इस घटना के पश्चात पिंपरे खुर्द गांव के नागरिकों में असंतोष का वातावरण निर्माण हुआ है। गावकरी तथा परिवारवालों ने यह भावना व्यक्त की है कि, ‘नामदेव थोपटे के साथ किसी भी प्रकार का संबंध न रखें !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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