- रस्तेपर पत्थरों का ढेर
- कुछ दुकानें जलाईं
- परिसर में तनाव
धर्मांधों द्वारा बार-बार दंगे किए जाना शासन के अस्तित्वपर प्रश्नचिह्न उपस्थित करता है ! बार-बार होनेवाले दंगें रूकवावर समाज में शांति प्रस्थापित करने के लिए हिन्दु राष्ट्र की स्थापना करना अनिवार्य है !
श्रीरामपूर (महाराष्ट्र) – यहां के शिवाजी मार्गपर सय्यदबाबा चौक में भाजपा के एक कार्यकर्ता के दोपहिया वाहन की एक धर्मांध की मालरिक्शे को धक्का लग गया । उस से उन दोनों में विवाद हुआ । तदुपरांत धर्मांधों ने दंगा कर पथराव किया तथा हिन्दुआें की कुछ दुकान जला दी । (इसी से ही धर्मांधों की पूर्वसिद्धता तथा उन का दंगे करने का पूर्वनियोजन दिखाई देता है ! – संपादक) इस कारण क्रोधित कुछ हिन्दुआें नें भी धर्मांधों को मुंहतोड उत्तर दिया । यह घटना पुलीस थाने से अत्यंत निकट ८ मई की रात को हुई ।
१. इस घटना के समय रात के १०.४५ बजे अनेकों ने पुलीस थाने से संपर्क किया । तदुपरांत कुछ समय पश्चात केवल ५ पुलिसकर्मी घटनास्थलपर उपस्थित हुए । वह भीड को नियंत्रण में लाने में असफल हुए । (इतनी बडी घटना होते समय दंगे को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल घटनास्थलपर आवश्यक बंदोबस्त रखना एवं दंगेपर नियंत्रण पाना अपेक्षित था । दंगेपर नियंत्रण ना रख पानेवाली पुलिस सशस्र आतंकियों का क्या सामना करेगी ? – संपादक)
२. तदुपरांत धर्मांधोंने तोडफोड चालू की तथा नेहरु सब्जी मंडी के सामने की फलबिक्रेताआें के १० से भी अधिक दुकानें जला दीं । उसी प्रकार सय्यद बाबा दर्गाह के निकट कुछ केराना माल की दुकानें तोडकर लूटी गईं । अग्निशमन दल ने घटनास्थलपर बंब भेजकर आग बुझाई ।
३. उस के पश्चात नगर पुलिस का अतिरिक्त दल एवं दंगाविरोधी दल आने के पश्चात दंगा नियंत्रण में आ गया । पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है । श्रीरामपूर के उपमंडल दंडाधिकारी प्रकाश थवील, तहसिलदार किशोर कदम, पुलिस निरीक्षक राजेंद्र पडवळ एवं उपनिरीक्षक सुधीर पाटील ने दंगाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया ।
इसे पुलिस का विपरीत न्याय कहें अथवा अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण ? भाजपा के राज्य में यह अपेक्षित नहीं !
दंगे के प्रकरण में ८ लोगों की गिरफ्तारी, भाजपा नेतासहित ४३ लोगोंपर अपराध प्रविष्ट
८ मई को श्रीरामपूर में हुए दंगे के प्रकरण में भाजपा के जिला सचिव प्रकाश चित्ते, पूर्व शहराध्यक्ष मारुती बिंगळे, विहिंप के विजय जैस्वालसहित ४३ लोगोंपर अपराध प्रविष्ट हुआ है । इन सभीपर दंगा करना, पुलिसकर्मियों की हत्या करने का प्रयास करना, पुलिस का वाहन जलाने का प्रयास करना आदि आरोप लगाए गए हैं । अबतक पुलिस ने ८ लोगों को बंदी बनाया है, उन में किसी भी धर्मांध का समावेश नहीं है । इस दंगे में ३ पुलिस अधिकारियोंसहित ८ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, तो लगभग १ करोड की संपत्ति की क्षति हुई है । जिलाधिकारी अनिल कवडे एवं जिला पुलिस अधीक्षक सौरभ तिवारी श्रीरामपुर में डेरा डाले हुए हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात