नई देहली – राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) का ही हिस्सा होनेवाला संगठन ‘अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना’ अब लोगों को देहली का इतिहास बताने की तैयारी कर रहा है। संगठन ने २८ मई को देहली में सेमिनार की तैयारी की है, जिसमें देहली के ऐतिहासिक स्थलों के बारे में कई रिसर्च पेपर पढे जाएंगे।
इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बालमुकुंद ने बताया, ‘हमने देहली के ऐतिहासिक स्थल की सूची की है। इसमें यहां के मंदिर, मठ सहित लगभग सभी ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं।’ उन्होंने कहा कि देहली की बहुत पुरानी संस्कृति है और यह कई बार उजड़ी है फिर बसी है। देहली पृथ्वीराज चौहान और सूरजमल जाट की भी राजधानी रही है। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार के जरिए देहली के वास्तविक इतिहास को सामने लाने का यह प्रयास है।
संघ नेताओं का कहना है कि, अब तक जो इतिहास लोगों के सामने रखा गया और एक खास सोच के लोगों ने उसे अपने हिसाब से उसे तोड-मरोड कर पेश किया है और देहली के ‘हिंदू’ इतिहास को दुर्लक्षित किया जाता रहा है। संघ का यह संगठन अब उस पर कई पेपर पढ़ने और इस इतिहास से लोगों को रू-ब-रू कराने की तैयारी कर रहा है। इस सेमिनार में कई मठों पर भी रिसर्च पेपर पढ़े जाएंगे। सभी बड़े गुरुद्वारों का इतिहास बताया जाएगा।
संघ नेता ने दावा किया कि बिडला मंदिर के खंभों पर श्लोक मोहम्मद साहब के चाचा ने लिखे थे और इसका जिक्र खंभों पर भी किया गया है। इस बारे में सेमिनार में बताया जाएगा। इसके अलावा भैरो मंदिर में शराब चढ़ाने के पीछे क्या वजह है और इसका क्या इतिहास है इसे भी सेमिनार में बताया जाएगा।
संघ के एक नेता ने कहा कि देहली के कई ऐतिहासिक स्थलों के इतिहास की सही जानकारी लोगों के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि देहली का सही इतिहास स्थापित किया जाए और लोगों को हकीकत बताई जाए। सेमिनार में मरघट वाले बाबा का क्या इतिहास है और किला राय पिथौरा के इतिहास पर भी बात होगी।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स