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हिन्दू धर्म की रक्षा करना केवल कुछ संगठनों का नहीं, अपितु हम सभी का कर्तव्य है ! – श्री श्री श्री मुक्तानंद स्वामीजी, श्री क्षेत्र करंजी मठ

मल्पे, उडुपी (कर्नाटक) की हिन्दू धर्मजागृति सभा

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बार्इं ओर से कु. भव्या गौडा, श्रीमती लक्ष्मी पै, श्री श्री श्री मुक्तानंद स्वामीजी आणि श्री. गुरुप्रसाद

उडुपी (कर्नाटक) – प्रत्येक सभा में मुख्यमंत्री हिन्दू धर्म की मूल श्रद्धाओं को अंधश्रद्धा संबोध कर अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून कार्यान्वित करने के विषय में कह रहे हैं । वास्तव में अपना इतिहास देखते हुए अभी अभी वैज्ञानिक द्वारा बताए जानेवाले ग्रहों के संदर्भ में विचार हमारे संस्कृत विद्वानों द्वारा १० सहस्र वर्ष पूर्व बताए गए हैं । ऐसे श्रेष्ठ विचारवाले हिन्दू धर्म की मूल श्रद्धाएं शासन को अंधश्रद्धा प्रतीत होती हैं । अपने धर्म की श्रद्धाओं के आचरण की रक्षा करना केवल संगठनों का नहीं, अपितु सभी का कर्तव्य है । इस दृष्टि से समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शासन के अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून का विरोध करना चाहिए । श्री श्री श्री मुक्तानंद स्वामीजी, श्रीक्षेत्र करंजे मठ, मूडबिदिरे द्वारा ऐसा प्रतिपदित किया गया । मल्पे के एळुरू मोगवीर भवन में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हिन्दू धर्मजागृति सभा आयोजित की गई । इस अवसर पर वे बोल रहे थे ।

श्री श्री श्री मुक्तानंद स्वामीजी, श्रीक्षेत्र करंजे मठ, मूडबिदिरे के शुभहाथों दीपप्रज्वलन से इस कार्यक्रम का आरंभ हुआ । इस अवसर पर सनातन संस्था की कु. भव्या गौडा, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गुरुप्रसाद तथा रणरागिनी श्रीमती लक्ष्मी पै द्वारा मार्गदर्शन किया गया । सूत्रसंचालन श्री. राजेंद्र एवं कु. सौम्या ने किया । सभा में सनातन के संत पू. सत्यवान कदम की वंदनीय उपस्थिति रही ।

अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून हिन्दू धर्मविरोधी ! – श्री. गुरुप्रसाद, हिन्दू जनजागृति समिति

शासन के प्रस्तावित अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून में शासन केवल हिन्दू धर्माचरण पर ध्यान देकर हिन्दुओं की धार्मिक श्रद्धाओं पर आघात कर रहा है । अन्य पंथों में अंधश्रद्धा होते हुए भी शासन इस विषय में मौन है । कानून बनने पर देखेंगे, इस प्रकार से इसे दुर्लक्षित न कर संगठनों द्वारा तत्परता के साथ शासन के इस षड्यंत्र का विरोध किया जाना चाहिए ।

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