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देहली : जंतरमंतर पर पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू की मुक्तता के लिए अमर्याद सत्याग्रह का आरंभ !

जंतरमंतर पर पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू की मुक्तता के लिए अमर्याद सत्याग्रह

• १५६ देश के नागरिकों का समर्थन
• हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाओं का सहभाग

सत्याग्रह में उपस्थित संतश्री आसाराम बापूजी के भक्त एवं अन्य हिन्दू धर्माभिमानी
सत्याग्रह में उपस्थित संतश्री आसाराम बापूजी के भक्त एवं अन्य हिन्दू धर्माभिमानी

नई देहली : पूज्यपाद संतश्री आसाराम बापूजी की मुक्तता एवं उन पर होनेवाले अत्याचारों के विरोध में ७०० से अधिक भक्तोंद्वारा २ मे से यहां के जंतरमंतर पर अमर्याद सत्याग्रह आरंभ हुआ है ।

जब तक पू. बापूजी की मुक्तता का निश्चित आश्वासन नहीं मिलता, तब तक यह सत्याग्रह चलता रहेगा । सत्याग्रह का नेतृत्व अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच की श्रीमती रूपाली दुबे तथा योग वेदांत सेवा समिति के श्री. विजय साहनी आदि कर रहे हैं । १५६ देश के नागरिक एवं संस्थाओं ने इस आंदोलन को समर्थन दिया गया है, जिन में विश्व हिन्दू परिषद, धर्मरक्षा मंच, हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था का समावेश है ।

सत्याग्रह के पश्चात ‘कारागृह भरो’ आंदोलन किया जाएगा । इस सत्याग्रह में हिन्दू जनजागृति समिति की कु. कृतिका खत्री ने भी मार्गदर्शन किया ।

क्षणिका

१. पू. बापूजी के आश्रम के श्री. दुर्गेश पांडेय ने कहा कि, सनातन संस्था के साधकों ने कहा है कि, हमारे गुरु एवं पू. बापूजी में कोई अंतर नहीं है । इसीलिए हम उनके समर्थन हेतु उपस्थित हैं । श्री. दुर्गेश पांडेय सनातन संस्था के संदर्भ में बोलते समय उपस्थित लोगों की भावजागृति हो रही थी ।

२. कु. कृतिका खत्री ने भी समिति एवं संस्था पू. बापूजी के समर्थनार्थ खडे हैं, ऐसा बताने पर उपस्थित लोगों की भावजागृति हुई ।

सत्याग्रह के माध्यम से राष्ट्रपति से की गई मांगें

१. पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू पर लगाया अभियोग रद्द कर उनकी शीघ्र से शीघ्र मुक्तता करें ।

२. केंद्रीय अन्वेषण विभागद्वारा पू. बापूजी के विरोध में षड्यंत्र रचनेवालों की जांच कर उन पर कठोर कार्यवाही हों ।

३. पॉक्सो कानून में संशोधन कर उसे निष्पक्ष करें । शासकीय अंकवारी के अनुसार इस कानून के अंतर्गत अगस्त २०१२ से अप्रैल २०१५ तक ४६ सहस्र अपराध प्रविष्ट किए गए, जिन में ७० प्रतिशत मिथ्या हैं । मिथ्या अपराधों में पू. बापूजी की अपकीर्ति हुई है । शासन उन्हें पुनः सम्मान प्राप्त करा दे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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