कथा के नाम पर खाने-पीने की दुकानें, यहां कथा चलती है अथवा कोई व्यवसाय ?
परंतु, ईश्वरीय प्रकोप में सब ध्वस्त !
उज्जैन (मध्यप्रदेश) : सिंहस्थ में श्रद्धालु ज्ञान, भक्ति, मुक्ति एवं वैराग्य प्राप्त करने के लिए साधु-संतों के पास आते हैं !
ऐसे समय में लोगों को कथा, प्रवचन, कीर्तन, सम्मेलन आदि के माध्यम से साधना के विषय में मार्गदर्शन करने हेतु अनेक संत-महंत, अखाडों, कथाकार आदि ने बडे-बडे मंडप खडे किए हैं।
इनमें उत्तर प्रदेश के एक विख्यात कथाकार ने अपने बहुत बडे मंडप में विमल पान मसाला, सिमला पान मसाला, बंबईया माऊथ फ्रेश जैसे गुटखों के विज्ञापन, साथ ही दबंग दुनिया, होटल विन-वे सहित अनेक विज्ञापनवाले होर्डिंग्ज लगाए थे !
कथा के नाम पर खाने-पीने की दुकानें भी लगाई थीं। यहां कथा चलती है अथवा कोई व्यवसाय, आनेवाले लोगों को यह प्रश्न पड रहा था !
पहली एवं दूसरी तूफानी वर्षा में यह मंडप पूर्णरूप से ध्वस्त हो गया !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात