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महाराष्ट्र : नाचणखेडा (जनपद जलगांव) में ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ संपन्न !

लव जिहादियों को निर्भिडता पूर्वक सबक सिखाने के लिए महिलाओं को स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्राप्त करना ही चाहिए ! – कु. रागेश्री देशपांडे

दीपप्रज्वलन करते हुए बाईं ओर से श्री. श्रेयस पिसोळकर, कु. रागेश्री देशपांडे तथा श्री. प्रशांत जुवेकर
दीपप्रज्वलन करते हुए बाईं ओर से श्री. श्रेयस पिसोळकर, कु. रागेश्री देशपांडे तथा श्री. प्रशांत जुवेकर

जलगांव : जामनेर तहसील के नाचणखेडा गांव में १७ मई को संपन्न हुई हिन्दू धर्मजागृति सभा में हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की कु. रागेश्री देशपांडे ने मार्गदर्शन किया। अपने मार्गदर्शन में उन्होंने यह आवाहन किया कि, ‘लव जिहाद’ के माध्यम से इन धर्मांधों ने राष्ट्र एवं धर्म के विरुद्ध एक अघोषित छुपा युद्ध ही आरंभ किया है !

उपलब्ध आंकडे बताते हैं कि, अब तक १ लक्ष २० सहस्त्र युवतियां लव जिहाद का शिकार हुई हैं ! इन जिहादियों को निर्भिडता पूर्वक सबक सिखाने के लिए महिलाओं को स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्राप्त करना ही चाहिए !’

इस धर्मजागृति सभा के लिए हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रशांत जुवेकर, श्री. श्रेयस पिसोळकर, रणरागिणी शाखा की कु. रागेश्री देशपांडे ने संबोधित किया। सभा के प्रारंभ में शंखनाद किया गया। तत्पश्चात दीपप्रज्वलन से सभा आरंभ हुई। समिति के श्री. सचिन वैद्य ने समिति का कार्य प्रस्तुत किया। सभा का सूत्रसंचालन श्री. नीलेश तांबट तथा कु. तेजस्विनी तांबट ने किया। इस धर्मजागृति सभा के लिए ८०० से अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।

मंदिरों का महत्त्व ध्यान में रखते हुए गांव-गांव में मंदिर रक्षा हेतु युवकों के पथक निर्माण करें ! – श्री. प्रशांत जुवेकर

पंढरपुर के विठ्ठलमंदिर समिति ने मंदिर की गोशाला की गौएं बेचकर धनप्राप्त किया, मंदिर की १२०० एकड भूमि मेंसे ७०० एकड भूमि हड़प की गई है !

अब ‘सुवर्ण अमानत योजना’ अंतर्गत मंदिर का सुवर्ण भी गबन करना चाह रहे हैं ! जलगांव जामोद में सुरुंग लगाकर एक मंदिर तोडा गया है। अतः मंदिरों की रक्षा हेतु गांव-गांव में युवकों के पथक निर्माण करें !

जाति, दल, संगठन, संप्रदाय से परे हो कर, धर्मरक्षा हेतु संगठित रहें ! – श्री. श्रेयस पिसोळकर

देश में, देशद्रोही तथा आतंकवादियों का समर्थन किया जा रहा है। देश की आर्थिक राजधानी पर आक्रमण करनेवाले याकुब मेमन को बचाने के लिए ३४ पुरो(अधो)गामी लोग पत्र लिखते हैं, उसकी अंतयात्रा के लिए १०,००० धर्मांध संगठित होते हैं। इसका अर्थ है कि, ये लोग रहते भारत में हैं, किंतु उनकी निष्ठा केवल आतंकवादियों पर है !

भविष्य में वही हम पर आक्रमण कर सकते हैं, उस समय वे यह ‘बारी’, यह ‘पाटिल’, यह ‘माली’, यह ‘कोली’ है, ऐसा विचार करने की अपेक्षा हमें; वे, केवल एक ‘काफिर’ के रूप में मार देंगे !

अतः, आपसी भेदभाव का विस्मरण कर केवल ‘एक हिन्दू’ के रूप में संगठित रहें !

क्षणिकाएं

१. इस धर्मसभा का आयोजन गांव के धर्माभिमानियों ने अपने नेतृत्व में किया। २० युवकों ने ८ गांवों में पत्रकों का वितरण तथा उद्घोषणा कर इस सभा का प्रसार किया !

२. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण व्यासपीठ का साहित्य उपलब्ध नहीं हो रहा था, अतः युवकों ने २ ट्रॅक्टर की ट्रॉली एकत्रित कर व्यासपीठ सिद्ध किया !

३. केवल २-३ दिन में प्रसार करने के पश्चात भी ८०० से अधिक धर्माभिमानियों की उपस्थिति रही !

४. धर्मांधों ने एक हिन्दुओं की गली में सभा के समय पर ही एक टॅन्कर ला कर खडा किया। गांव में १५ दिन पानी नहीं था, अतः वहां के सर्व हिन्दू पानी लेने के लिए गए। गावकरी इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि, ‘सभा के लिए कोई भी उपस्थित न रहें, इसलिए धर्मांधों ने यह षडयंत्र रचाया था !’ (धर्मांधों की कूटनीति ! – संपादक, हिन्दूजागृति)

५. इस धर्मसभा के लिए आधे से जादा महिलाओं की उपस्थिति, उल्लेखनिय रही !

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