श्री तपोनिधी निरंजनी अखाडे की ओर से दीक्षा समारोह
उज्जैन : यहां आरंभ सिंहस्थपर्व में श्री तपोनिधी निरंजनी अखाडे की ओर से १८ मई को पुनः ५०० नागा साधुओं को दीक्षा प्रदान की गई ।
दीक्षा पाने के लिए छोटे बालक, युवक, वयस्कर इस प्रकार सभी आयु के साधु सम्मिलित हुए हैं । अखाडे के आचार्य महामंडलेश्वर पुण्यानंदगिरी महाराज के निर्देशानुसार दत्त अखाडा किनारे पर यह समारोह संपन्न हुआ ।
उस समय नए नागा साधुओं ने मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी में स्नान कर ७ पिढीयों का पिंडदान किया । दीक्षा के अन्य स्तर, नामकरण विधी इत्यादि प्रक्रिया रात्रि देर तक आरंभ थी ।
साध्वी मां ऋतंभरा ने ७ साधिकाओं को दी संन्यास दीक्षा !
वृंदावन, उत्तरप्रदेश की साध्वी मां ऋतंभरा के साथ आश्रम में निवास करनेवाली ७ साधिकाओं ने हालही में संन्यास दीक्षा ली । अब ये ७ साधिका पूरीतरह से साध्वी बन चुकी हैं ।
सायंकाल ५ से रात्रि ८ बजे तक आरंभ इस प्रक्रिया में प्रथम पूरीतरह से मुंडन किया गया । क्षिप्रा नदी में स्नान करने के पश्चात मंत्रोच्चारों के साथ तर्पण किया गया । तदनंतर प्रत्येक साध्वी ने स्वयं का पिंडदान करने के पश्चात साध्वी मां ऋतंभरा ने उन्हें गुरुमंत्र देकर गले में माला पहनाकर भगवे वस्त्र पहनने के लिए दिया । साध्वी समदशीगिरी, साध्वी सर्वसिद्धीगिरी, साध्वी सत्यसिद्धागिरी, साध्वी सत्यकीर्तीगिरी, साध्वी वृतागिरी, साध्वी सत्यमूर्तिगिरी तथा साध्वी संध्यागिरी इस प्रकार उनका नामकरण किया गया है ।
इन साधिकाओं ने संन्यास दीक्षा प्राप्त करने से पूर्व अनेक वर्ष वृंदावन के आश्रम में ब्रह्मचर्य का पालन किया था । इस से पूर्व ३ साधिकाओं को संन्यास दीक्षा दी गई थी ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात