उज्जैन : मध्यप्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ का शनिवार को अंतिम शाही स्नान के साथ समापन हो गया। तीसरे शाही स्नान में विभिन्न अखाड़ों की टोलियों ने यहां के वातावरण को जहां संतों की नगरी में बदल दिया, वहीं ‘हर हर महादेव’ और ‘जय श्रीराम’ के जयकारे के बीच एक करोड से ज्यादा श्रद्धालुओं ने क्षिप्रा नदी में अमृत स्नान किया।
उज्जैन में २२ अप्रैल से शुरू हुए सिंहस्थ कुंभ का तिसरा शाही स्नान ऐतिहासिक रहा। प्रथम ही शैव और वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों के साधुओं ने एक ही समय अलग-अलग घाटों पर स्नान किया। इससे पहले इन संप्रदायों के अखाड़े अलग-अलग समय पर स्नान करते आए हैं।
तिसरे शाही स्नान के लिए सुबह तीन बजे से ही विभिन्न छावनियों से अखाडे अपने महामंडलेश्वर, श्री महंत और साधु-संतों के साथ, हाथी, घोड़े, ऊंट, रथ व बग्घियों पर सवार होकर बैंडबाजों के साथ शंखनाद करते हुए क्षिप्रा तट पर पहुंचने लगे। हर तरफ गूंजती शंख-ध्वनि से वातावरण आस्थापूर्ण हो गया।
तीसरे शाही स्नान की शुरुआत पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ-साथ आवाहन और अग्नि तथा निरंजनी एवं आनंद अखाड़ों ने भी अपने-अपने महामंडलेश्वर, श्रीमहंत और साधु-संतों के साथ दत्त अखाड़ा घाट पर स्नान किया।
स्त्रोत : जी न्यूज