श्री हनुमानजी की मूर्ति का अनादर !
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क्या आपने अन्य धर्मियों के आस्थास्त्रोतों का इस प्रकार अनादर होते कभी सुना है ?
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इस स्थिति को परिवर्तित करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ अनिवार्य है !
श्रीरामपुर (जिला नगर) : यहां के गिरमे चौक में एक अज्ञात व्यक्तिद्वारा प्रवरा नदी के बाए नहर के समीप वृक्ष के नीचे रहनेवाली श्री हनुमान की मूर्ति की विडंबना करने का प्रकरण सामने आया है !
सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओंद्वारा दायित्व लेकर विडंबन हुई मूर्ति को विसर्जित कर उसके स्थान पर नई मूर्ति की प्रतिष्ठापना की गई है। (हिन्दुओे, केवल नई मूर्ति की प्रतिष्ठापना कर शांत न रहें, अपितु अपराधी को ढूंढ कर उस पर कठोर कार्रवाई होने तक पुलिस का पृष्ठपोषण करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२० मई को सवेरे यहां के एक दुकानदार ने दुकान को खोला एवं श्री हनुमानजी के दर्शन हेतु गए, तो उन्हें मूर्ति की विडंबना हुई दिखाई दी !
इस घटना का पता चलते ही शिवसेना के श्री. अशोक थोरे, नगरप्रमुख श्री. सचिन बडदे, भाजपा के श्री. अभिजित कुलकर्णी आदि कार्यकर्ता एवं परिसर के अनेक दुकानदार संगठित हुए। उन्होंने पुलिस को जानकारी देते ही घटनास्थल पर व्यवस्था करने हेतु राज्य राखीव दल एवं स्थानीय पुलिस नियुक्त किए गए।
पुलिसद्वारा मूर्ति की पूजा करनेवाले पुजारी श्री. प्रसाद कुलकर्णी की जबानी प्रविष्ट की गई है।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात