उज्जैन सिंहस्थपर्व !
सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित धर्मशिक्षा प्रदर्शनी
उज्जैन : मैने संपूर्ण सिंहस्थपर्व में भ्रमण किया; परंतु ‘धर्म एवं अध्यात्म’ केवल सनातन संस्था की प्रदर्शनी में मुझे दिखाई दिया, स्वामी डॉ. भूमानंद सरस्वती महाराजद्वारा ऐसे गौरवोद्गार व्यक्त किए गए !
हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भ्रमण करने पर वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि, सनातन के सभी ग्रंथों का संच ए.के.एस. विद्यापीठ के लिए, हम ले रहें हैं ! महाराज निवृत्त प्राध्यापक है एवं उन्होंने संन्यास लिया है। वे अभी भी, ए.के.एस. विद्यापीठ में एक विषय छात्रों को पढा रहें हैं ! उन्होंने ग्रंथप्रदर्शनी में विविध ग्रंथों का क्रय भी किया।
इस अवसर पर उनका ‘अध्यात्म’ इस विषय पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी से विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
स्वामी डॉ. भूमानंद सरस्वती महाराज ने आगे कहा कि, हिन्दू संस्कृति के विषय में आयोजित आपकी संस्था की प्रदर्शनी बहुत अच्छी है। आपके साधकोंद्वारा ‘राष्ट्र एवं धर्म’ के लिए सर्वस्व का त्याग एवं समाज प्रबोधन का सेवाकार्य देख कर मैं अत्यंत प्रभावित हो गया हूं !
गाय के दूध से बनाए गए पदार्थ अपने स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हैं। इतना ही नहीं बल्कि गोमूत्र से बनाई गई औषधियों भी अनेक रोग एवं व्याधियों पर अत्यंत परिणामकारक होने के संशोधन के विषय में मैंने भी अभ्यास किया है। मैं स्वयं शास्त्रज्ञ हूं। विज्ञान की अपेक्षा, ‘अध्यात्म’ श्रेष्ठ है, इसकी निश्चिति होने पर मैं अध्यात्म की ओर मुडा हूं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात