छतीसगढ की राजधानी रायपुर में संकटमोचक हनुमान जी के मंदिर को बचाने के लिए भक्त एकजुट हो गए हैं। रायपुर स्थित हनुमान मंदिर को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया है ।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने एक याचिका के आधार पर अवैध कब्ज़ा कर बनाये गये हनुमान मंदिर मामले को लेकर राज्य सरकार को तलब किया था। यह मंदिर छत्तीसगढ विधानसभा के अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल के परिजनों के द्वारा बनवाया गया है।
मंदिर को बचाने के लिए व्हाट्सअप पर भी हिन्दुआेमें जागृति की जा रही है । जिसमें बताया जा रहा है कि, हनुमान मंदिर का निर्माण भाजपा नेता के परिवार द्वारा किया गया है, इसलिए इसे राजनीतिक रंग न दिया जाए। सरकार को मंदिर निर्माण के समय कार्रवाई करना चाहिए था। अब मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बन चुका है, उसे तोडना अनुचित होगा।
मंदिर को बचाने के लिए अब कई संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है और न्यायालय से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। इसके लिए लोगों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया है। मंदिर को तोडने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर शिवसेना की छत्तीसगढ शाखा ने पुनर्विचार का आग्रह किया है। सेना का कहना है कि, मंदिरों में हो रही कार्रवाई से हिन्दुआेंकी भावना आहत हो रही है।
बोल बम कावड़िया सेवा समिति के अध्यक्ष सुरेश चौधरी ने कहा कि, पत्राचार के माध्यम से समिति सर्वोच्च न्यायालय, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी पत्र के माध्यम से मंदिर को ना तोड़ने पर पुनर्विचार हेतु पत्र लिखेंगे।
स्त्रोत : रिव्होल्टप्रेस हिन्दी