अश्लील विज्ञापन फलकों के विरोध में सक्रिय लडा देने का महिलाओं का निश्चय !
म्हापसा, गोवा : हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखाद्वारा म्हापसा के वैश्य भवन सभागृह में, ज्ञानप्रसारक विद्यालय, म्हापसा में २२ मई को महिला संगठन मेला आयोजित किया गया था।
उस समय उपस्थित महिलाओं ने निश्चय किया कि, ‘गोवा की कॅसिनो संस्कृति, साथ ही पथ के निकट तथा दुकानों पर प्रसारित किए गए अश्लील विज्ञापन फलकों के विरोध में वैध मार्ग से लडा देना, साथ ही स्वयं धर्माचरण करने के साथ समाज पर धर्माचरण का महत्त्व अंकित करने के लिए विविध अभियानों का आयोजन करना, साथ ही धर्मांतरण तथा लव्ह जिहाद के संदर्भ में महिला तथा युवतियों में जागृति करना !’
इस संगठन मेले के लिए श्रीमती हेमश्री गडेकर, फोंडा की अधिवक्ती कु. वंदना जोग, सनातन संस्था की श्रीमती लता ढवळीकर, रणरागिणी शाखा की श्रीमती आनंदी वानखडे की प्रमुख उपस्थिती थी।
इस मेले के लिए १०० से भी अधिक हिन्दू धर्माभिमानी महिलाएं उपस्थित थी।
मेले में अश्लील विज्ञापनफलक, काश्मिरी विस्थापितों की समस्या, साथ ही इसिस के गतिविधीयां तथा उनकी भारत में हो रही कार्रवाईयों के संदर्भ में एक ध्वनीचित्र चक्रिका का प्रसारित की गई। मेले के अंत में अश्लील विज्ञापन फलक, मंदिरों में भारतीय वेशभूषा करनेवालों को ही प्रवेश देना, प्रथमोपचार तथा स्वसंरक्षण प्रशिक्षण वर्ग की आवश्यकता, धर्मशिक्षण वर्ग, धर्मांतरण आदि विषयों पर उपस्थितों में गुंटचर्चा आयोजित की गई। तत्पश्चात मेला संपन्न हुआ।
अश्लील फलकद्वारा महिलाएं स्वयं ही अत्याचार को आंमत्रित करती हैं ! – अधिवक्ती कु. वंदना जोग
अपने गुणों द्वारा भी आधुनिकता प्रदर्शित की जा सकती हैं। उसके लिए अल्प कपडे पहनने की आवश्यकता नहीं है। अश्लील फलकोंद्वारा स्त्री स्वयं ही अत्याचार को आंमत्रण देती हैं !
हर दिन, दैनंदिन कृती करते समय उसमें से ईश्वर की कृपा किस प्रकार संपादन कर सकते हैं, इस बात की ओर गृहिणी ने ध्यान देने की आवश्यक है ! – श्रीमती लता ढवळीकर, सनातन संस्था
वर्तमान में गृहिणी को समाज में फैली अनैतिकता, पाश्चात्त्य संस्कृति, बढती हुई महंगाई, घर में मानसिक तनाव आदि अनेक समस्याओं का सामना करते हुए संसार संभालना पडता है। ईश्वर की कृपा संपादन कर इन सभी समस्याओं का सामना करने के लिए महिलाओं को प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘नामस्मरण’ करना चाहिए।
स्त्री को शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक दृष्टि से सबल कर पुनश्च तेजःपुंज करने के लिए रणरागिणी शाखा सिद्ध ! – श्रीमती आनंदी वानखडे
आज हिन्दू स्त्री को पाश्चात्त्य संस्कृति के कारण अपनी धर्मसंस्कारहीनता तथा झांसी की रानी की वीरता के आदर्शों का विस्मरण हुआ है। इस से वह अबला हुई है !
उसे शारीरिक दृष्टि से, मानसिक दृष्टि से तथा आध्यात्मिक दृष्टि से सबल सिद्ध कर पुनः तेजःपुंज करने के लिए रणरागिणी शाखा सिद्ध है। वीर एवं तपस्वी हिन्दू स्त्रियों का आदर्श अपनाकर हिन्दू स्त्री को धर्मशिक्षित करने हेतु तथा राष्ट्र एवं धर्म रक्षा हेतु सक्रिय करने के लिए रणरागिणी शाखा ने महिला संगठन आरंभ किया है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात