इस्लामाबाद : पाकिस्तान के शीर्ष इस्लामिक संगठन ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अपना विधेयक प्रस्तुत किया है और इसमें कई विवादित बातें हैं । विधेयक में कहा गया है कि, यदि पाकिस्तानी पत्नियां, पति की बात नहीं मानती हैं तो उनके पति उनकी थोडी सी पिटाई कर सकते हैं । इसके अलावा इसमें स्कूलों, अस्पतालों और दफ्तरों में महिलाओं को पुरुषों के साथ मिश्रित नहीं करने की भी बात कही गई है ।
द डॉन समाचारपत्र के अनुसार, द काउंसल ऑफ इस्लामिक आइडियॉलजी (सीआईआई) ने अपने बिल में इस तरह के सुझाव दिए हैं । बता दें कि, इस संस्था को सरकार का समर्थन प्राप्त है । सीआईआई को पाकिस्तान में संवैधानिक दर्जा प्राप्त है और यह संसद को इस्लाम के अनुसार कानून बनाने के लिए गैर बाध्यकारी प्रस्ताव देता है ।
१६३ पन्नों के इस विधेयक में महिलाओं पर कई प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया गया है । इसमें कहा गया है कि, यदि पत्नी, पति की बात नहीं मानती है, उसकी इच्छा के अनुसार कपडे नहीं पहनती है और शारीरिक संबंध बनाने को तैयार नहीं होती है तो पति को अपनी पत्नी की थोडी सी पिटाई करने की अनुमती मिलनी चाहिए । इसमें यह भी कहा गया है कि, यदि कोई महिला हिजाब नहीं पहनती है, परिचित लोगों के साथ बात करती है, तेज आवाज में बोलती है और अपने पति की सहमति के बगैर लोगों की वित्तीय मदद करती है तो उसकी पिटाई करने की भी अनुमती मिलनी चाहिए ।
सीआईआई के इस विधेयक में दावा किया गया है कि, इसमें महिलाओं को वे सभी हक दिए गए हैं जो उन्हें शरिया कानून के तहत प्राप्त हैं । इसमें कहा गया है कि, कला के नाम पर जो नृत्य, संगीत और मूर्तियां बनाई जाती हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए । इससे पहले पंजाब की असेंबली ने महिलाओं की सुरक्षा पर जो विधेयक प्रस्तुत किया था, उसे सीआईआई ने इस्लाम विरोधी बताते हुए खारिज कर दिया था ।
संदर्भ : नवभारत टाइम्स