सतना (मध्य प्रदेश ) : कोटर थाने के अबेर गांव में उस समय बवाल मच गया जब चर्च के फादर ने धर्म परिवर्तन करने के बाद तीन युवकों से एक देवता का चित्र लेकर उसे फाड़ दिया और बोले कि अब से यीशु ही तुम्हारे ईश्वर है। इससे तीनों युवक भड़क गए और बजरंग दल और थाने में जाकर शिकायत कर दी। पुलिस ने धर्मांतरण के आरोपी फादर व दो महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
यह है पूरा मामला
अबेर में ईसाई मिशनरीज द्वारा चर्च बनाया गया है, जहां प्रार्थना की जाती है। अबेर से लगे गोरइया गांव निवासी तीन युवकों राजभान आदिवासी, हेमराज वर्मा तथा प्रशांत गुप्ता को नौकरी का लालच देकर फादर एंथोनी द्वारा धर्म परिवर्तन करा लिया गया। इसका खुलासा तब हुआ जब फादर ने तीनों युवकों के सामने एक देवी-देवता का चित्र फाड़ दिया। दरअसल हुआ यह कि 15 दिन पहले राजभान, हेमराज व प्रशांत को चर्च में होने वाली प्रार्थना में शामिल होने के लिए बुलाया गया था।
धीरे-धीरे तीनों युवकों को मानसिक रूप से इसाई धर्म के बारे में जानकारियां दी गई। जब युवकों का मन प्रार्थना में लगने लगा तो 6 दिन पहले ही उन्हें नौकरी का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराए जाने के लिए उकसाया गया। युवकों द्वारा इसाई धर्म अपनाने की सहमति मिलते ही शनिवार की शाम 7 बजे तीनों युवकों को स्नान-ध्यान कराने के बाद ईसाई रीति रिवाज के अनुसार उनका धर्मांतरण करा दिया गया। फादर एंथोनी रविवार सुबह 11 बजे तीनों युवकों को देवी देवता की फोटो लेकर चर्च बुलाया।
रविवार की सुबह जब तीनों युवक चर्च पहुंचे तो फादर एंथोनी ने एक युवक के हाथ से एक देवता का चित्र फाड़ दिया और दूसरे युवकों से कहा कि आज से प्रभू यीशू ही तुम्हारे ईश्वर हैं, इसलिए अपने हाथ में रखी देवी-देवता के चित्र को फाड़ दो। फादर की इस हरकत से तीनों युवकों की आस्था को ठेस पहुंची और उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री सागर गुप्ता तथा बजरंग दल के संयोजक राजबहादुर मिश्रा व सचिन शुक्ला से संपर्क कर पूरे मामले की शिकायत कर दी।
धर्मांतरण की सूचना मिलते ही हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी दलबल के साथ अबेर पहुंच गए। जहां उन्होंने कोटर पुलिस को बुलाकर धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों युवकों से लिखित शिकायत दर्ज करवाई। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी फादर व उसके साथ चर्च में रहने वाली दो ईसाई महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया।
स्त्रोत : नई दुनिया