गोरक्षकों के प्रयासों की सफलता !
-
…और कितने गोवंशियों की हत्या होने पर गोवंश हत्या प्रतिबंधक कानून की, प्रभावी कार्यवाही होगी ?
-
जो गोरक्षकों के ध्यान में आता है, वह पुलिस के ध्यान में क्यों नहीं आता ? कहीं ऐसा तो नहीं कि, वे ‘हप्ता’ लेकर ऐसी अनुचित घटनाओं को अनुमति दे रहें हैं ?
पुणे : नगर के समीप एक गांव के खेत में गोरक्षकोंद्वारा खराडी उपमार्ग पर गोवंशियों की हत्या कर उनके मांस की यातायात करनेवाला टेम्पो पकडा गया। (गोमांस पकड कर देनेवाले गोरक्षकों का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
गोरक्षकों की सजगता के कारण यह प्रकरण उजागर हुआ है तथा पुलिस को भ्रमित करने हेतु दुध की यातायात करनेवाले वाहन का उपयोग किये जाने की बात भी उजागर हो गई है !
इस संदर्भ में विमानतल पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट किया गया है एवं ५ लोगों को बंदी बनाया गया है।
१. गोमांस की यातायात करनेवाले टेम्पो के पीछे एक चार पहिये वाहन था। किसी को संदेह न हो इसलिए गाडी पर पर भगवा ध्वज एवं अमूल दुध का विज्ञापन लगाया गया था। उनकी हचचल में संदिग्धता प्रतीत होने के कारण गोरक्षक श्री. स्वामी ने कोरेगाव भीमा से (नगर) खराडी उपमार्ग तक दुपहिये वाहन से उनका पीछा किया।
२. श्री. स्वामी ने टेम्पो रोकने पर चालक ने पलायन किया। इस अवसर पर अन्य नागरिकों ने भी चौपहिया वाहन को रोका और इस विषय में पुलिस को जानकारी दी।
३. पुलिसद्वारा दोनो वाहन अपने अधिकार में लिये गये हैं। पशुसंवर्धन विभाग की जांच में स्पष्ट हुआ कि, ये १६ गायों का गोमांस है। गोमांस को शासनाधीन कर न्यायालय के आदेश के अनुसार उसका विनियोग किया गया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात