हरिद्वार : गंगाजल को डाक के माध्यम से लोगों के घर तक पहुंचाने की योजना का संत समाज ने विरोध किया है। संतों ने कहा है कि, शीघ्र ही केंद्र सरकार ने गंगाजल को बेचने की योजना को वापस नही लिया तो संत समाज आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएगा।
भूमा निकेतन में पत्रकारों से बातचीत में भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि, गंगा करोडों लोगों की आस्था का प्रतीक है। ऐसे में गंगाजल को बेचना पाप ही नहीं महापाप है ! पाप करनेवाले को क्षमा नहीं किया जाएगा। यदि केंद्र सरकार ने गंगाजल बेचने की योजना वापस नहीं ली तो संत समाज देहली के जंतर मंतर पर आंदोलन करेगा।
वहीं महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज व महंत विनोद गिरि महाराज ने कहा कि, गंगा भारतवासियों के लिए पूजनीय और आस्था का प्रतीक है। गंगा देश की पहचान है, किंतु गंगाजल को बेचने की बात कहना निंदनीय है। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि, वह गंगाजल को डाक से मंगाने की योजना का विरोध करते हैं।
स्त्रोत : नई दुनिया