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हिन्दू महासभा की ओर से स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी की १३३वीं जयंती संपन्न !

स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी की जयंती के उपलक्ष्य में स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी भक्तों का सम्मेलन उत्साह के साथ संपन्न

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सातारा : स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी की १३३वीं जयंती के उपलक्ष्य में यहां के हिन्दू महासभा की ओर से स्वातंत्र्यवीर सावरकर भक्तों का सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन छत्रपति प्रतापसिंह वाटिका के वरिष्ठ नागरिक संघ के सभागृह में उत्साह के साथ संपन्न हुआ !

इस समय हिन्दू महासभा के महाराष्ट्र प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता श्री. गोविंद गांधी, जिलाध्यक्ष श्री. दत्ता सणस, कार्यकारिणी सदस्य श्री. उमेश गांधी, हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती माधुरी दीक्षित, स्वातंत्र्यवीर सावरकर साहित्य के वरिष्ठ विचारवंत श्री. गिरीश बक्षी, वरिष्ठ लेखक श्री. जगन्नाथ शिंदे आदि मान्यवरोंसहित समाज के अनेक वरिष्ठ स्वातंत्र्यवीर सावरकर भक्त एवं प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे।

बाईं ओर से सहकाररत्न श्री. मधुकर पिसाळ, सत्कारमूर्ति श्री. मंगेश निकम का सत्कार करते हुए ज्येष्ठ लेखक श्री. जगन्नाथ शिंदे एवं अधिवक्ता श्री. गोविंद गांधी
बाईं ओर से सहकाररत्न श्री. मधुकर पिसाळ, सत्कारमूर्ति श्री. मंगेश निकम का सत्कार करते हुए ज्येष्ठ लेखक श्री. जगन्नाथ शिंदे एवं अधिवक्ता श्री. गोविंद गांधी

मान्यवरों के शुभहाथों स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकरजी की प्रतिमा को पुष्पमाला समर्पित कर तथा ‘कयपंजी’ से दीपप्रज्वलन कर कार्यक्रम का आरंभ हुआ। वरिष्ठ विचारवंत श्री. गिरीश बक्षी एवं वरिष्ठ लेखक श्री. जगन्नाथ शिंदे ने स्वातंत्र्यवीर स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी के संदर्भ में उपस्थितों को संबोधित किया।

इस समय वाई तहसील के गोवे-दीघर के सुपुत्र श्री. मधुकर बाळाजी पिसाळ को ‘सहकाररत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही सोलापुर के नातेपुते गांव के श्री. राजेंद्रकुमार शिंगटे को ‘कलारत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रीमती माधुरी दीक्षित ने अपना सम्मान सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले जी के चरणों में समर्पित किया।

हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. मंगेश निकम का सम्मान !

स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी की भांति राष्ट्रकार्य हेतु समर्पित होकर कार्य करनेवाले हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. मंगेश निकम का भी मान्यवरों के हाथों सम्मानित किया गया। इस समय श्री. मंगेश निकम ने कारागृह की अपनी कुछ स्मृतियों को उजागर करते हुए अपना मनोगत भी व्यक्त किया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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