जलगांव के ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में, पाठ्यपुस्तकों में राष्ट्रपुरुषों का घोर अनादर करनेवाले संबंधित सभी व्यक्तियों पर अपराध प्रविष्ट करने की मांग
जलगांव : देहली विश्वविद्यालय की पाठ्यपुस्तकों में राष्ट्रपुरुषों का घोर अनादर करनेवाले संबंधित सभी व्यक्तियों पर अपराध प्रविष्ट किए जाएं, साथ ही शासन हिन्दुओं की धार्मिक परंपराओं को न तोड उस संदर्भ में धर्माचार्य एवं शंकराचार्यजी के मार्गदर्शन लेकर निर्णय करे !
इन २ मांगों को लेकर २८ मई को महापालिका के सामने विविध हिन्दुत्ववादी संगठनों की ओर से ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. श्रेयस पिसोळकर ने कहा कि, इस देश में अपने राष्ट्र के लिए प्राणों का बलिदान देनेवाले क्रांतिकारकों का उल्लेख उनको ‘आतंकी’ कहकर किया जा रहा है तथा दूसरी ओर संसद पर आक्रमण करनेवालों का समर्थन किया जा रहा है, यह हमारा दुर्भाग्य है; परंतु अब ये बातें नहीं चलेंगी। इन अपराधियों पर अपराध प्रविष्ट किए जाएं, यह हम हिन्दुओं की मांग है !
शासन हिन्दुओं की परंपराओं के संदर्भ में हस्तक्षेप कर निर्णय करता है; परंतु अन्य पंथियों के संदर्भ में उसकी भूमिका अलग होती है !
इसके पश्चात उत्स्फूर्त घोषणाएं दे कर आंदोलन का समापन किया गया। आंदोलन के पश्चात जिलाधिकारी कार्यालय में उपर्युक्त मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
उपस्थित धर्माभिमानियों ने हाथों में हस्तफलक एवं भगवे ध्वज लेकर तथा घोषणाएं दे कर प्रदर्शन किया। इस समय जलगांव शहर, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के कुछ धर्माभिमानी उपस्थित थे। इन दो मांगों को लेकर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। आने जानेवाले अनेक लोगों ने आंदोलन को देखते हुए रुककर हस्ताक्षर किए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात