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‘गोमंतक’ (गोवा) को विदेशी नागरिक एवं कैसिनो के हाथ सौंप कर इसे ‘रेप कैपिटल’ न बनाएं ! – रणरागिणी शाखा

नायजेरियन नागरिकद्वारा महिला पर बलात्कार, का प्रकरण

जहां कैसिनो, मद्य एवं मादक पदार्थों समान अनैतिक धंधों को उजागरी से सहायता की जाती है, वहां महिलाएं सुरक्षित कैसे रह सकती हैं ? किसी को, गोवा शासन का भय ही नहीं रहा है मानो शासन एवं पुलिस में कोई ‘पुरुषार्थ’ ही शेष न रहा हो । – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात

ranragini

पणजी : हिन्दू जनजागृति समिति प्रणीत रणरागिणी शाखा की श्रीमती राजश्री गडेकरद्वारा ऐसा आवाहन किया गया है कि, देवभूमि गोमंतक को केवल आर्थिक लाभ के लिए कैसिनो एवं विदेशी पर्यटकों के हाथ सौंप कर इसे ‘रेप कैपिटल’ न बनाएं एवं गोमंतक की बहनों को पुनः पुनः अत्याचारित होने से बचाएं ।

पुरोगामियोंद्वारा केवल मंदिरों के गर्भगृह में प्रवेश कर महिलाओं के समान अधिकार एवं स्वतंत्रता की प्रशंसा होते समय उनकी शीलरक्षा हेतु कोई कुछ कर रहें हैं ऐसा, दिखाई नहीं देता । जहां कैसिनो, मद्य एवं मादक पदार्थों समान अनैतिक धंधों को उजागरी से सहायता की जाती है, वहां महिलाएं सुरक्षित कैसे रह सकती हैं ?

अतः हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखाद्वारा एक प्रसिद्धिपत्रक प्रसारित किया गया है, जिसमें गोवा के भाजपा शासन को त्वरित कैसिनो एवं अवैधानिक रूप से रहनेवाले विदेशी नागरिकों पर कार्रवाई कर उस पर प्रतिबंध करने की मांग की गई है ।

इस पत्रक में आगे कहा गया है कि,

किसी को गोवा शासन का भय ही नहीं रहा है मानो शासन एवं पुलिस में ‘पुरुषार्थ’ शेष न रहा हो । देहली के पत्रकार तरुण तेजपाल गोवा में आकर अपनी लडकी की आयुवाली महिला पत्रकार पर बलात्कार का प्रयास करता है एवं तत्पश्चात प्रतिभूति पर मुक्त होकर सिर उठा कर घूमता फिरता है । विदेशी पर्यटक गोवा आकर मादक पदार्थों की रेव पार्टियां एवं महिलाओं से छेडखानी करते हैं, अब तो बलात्कार भी करने लगे हैं ।

इतना ही नहीं, अपितु गोवा के पुलिस थाने पर आक्रमण करनेवाला विधायक अब अल्पायु लडकी पर बलात्कार के प्रकरण में लिप्त है । यदि ऐसा है, तो इन सभी प्रकरणों में इन अपराधियों पर कठोर कार्रवाई की अपेक्षा किससे करें ?

हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखाद्वारा मांग करते हुए कहा गया है कि, ये सभी प्रकरण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोवा की प्रतिमा कलंकित करनेवाले हैं । राज्यशासन को इन घटनाओं की ओर गंभीरता से देखना अत्यावश्यक है । केवल ‘निर्भया निधि’ घोषित कर नहीं चलेगा, अपितु कोई निर्भया न बने इसलिए प्रयास करें, अन्यथा इन बलात्कारियों को सबक सिखाने हेतु उन्हें रणरागिणियों के हाथ में सौंप दे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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