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म्हापसा (गोवा) : एक बिल्डिंग के रहिवासियों ने बिलिवर्स का प्रवेश प्रतिबंधित किया !

दो वर्षों से अवैध मार्ग से की जा रही बिलिवर्सवालों की ‘प्रार्थना’

• उद्दंड बिलिवर्सवाले ! इस से यह स्पष्ट होता है कि, उन्हें अब प्रशासन का भी भय नहीं है !

• जब उप-जनपदाधिकारी के सामने सुनवाई आरंभ थी, तब भी प्रार्थना रोकी नहीं गई इस कारण वातावरण संतप्त !

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म्हापसा : फेअर, आल्तो, म्हापसा के देशमुख आर्केड को-ऑप हाऊसिंग सोसायटी के रहिवासियों ने इमारत में गत दो वर्षों से अवैध मार्ग से की जा रही बिलिवर्स की प्रार्थना पर रविवार, २९ मई के दिन प्रतिबंध लगाया !

अतः कुछ समय तक तनाव था; किंतु रहिवासियों ने बिलिवर्स की प्रार्थना को विरोध करने का निश्चय कायम रखा ! (अवैध धर्मांतरण को विरोध प्रदर्शित करनेवाले तथा उद्दंड बिलिवर्स को जैसे को तैसा उत्तर देनेवाले देशमुख सोसायटी के रहिवासियों का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

सविस्तार समाचार, इस प्रकार है ….

१. हर रविवार के दिन प्रातः ९ से दोपहर १२ बजे उपर्युक्त सोसायटी के एक इमारत के तलघर में स्थित सभागृह में बिलिवर्स प्रार्थना करते हैं।

२. इमारत निर्माणकार्य व्यावसायिक विजय देशमुख के प्रयासों के कारण इन बिलिवर्स की प्रार्थना चल रही हैं।

३. विशेष रूप से देशमुख सोसायटी पूरी तरह से ‘निवासी’ प्रकार की होते हुए भी, साथ ही सोसायटी में निवास करनेवाले रहिवासियों का विरोध होते हुए भी यहां प्रार्थना की जा रही थी। इस प्रार्थना के लिए लगभग ३० से ४० लोग आते हैं।

४. निर्माणकार्य व्यावसायिक देशमुख ने प्रार्थना के लिए संबंधित अधिकारी की अनुमती नहीं ली थी। (दो वर्ष अवैध मार्ग से प्रार्थना चली आ रही थी, तो प्रशासन क्या कर रहा था ? कर्तव्य में अनदेखापन करनेवाले इन अधिकारियों पर कार्रवाई करनी ही चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

५. रविवार, २९ मई के दिन इसी प्रकार प्रातः ९ बजे बिलिवर्स की प्रार्थना आरंभ होने से पूर्व इमारत के कुछ रहिवासियों ने इमारत के द्वार को ताला लगाया। अतः बिलिवर्स को प्रार्थना करना असंभव हुआ।

६. इससे संतप्त बिलिवर्स ने पुलिस थाने में जाकर पुलिस की सहायता ली। उस समय घटनास्थल पर कोई भी अनुचित प्रकार न हो, इसलिए पुलिस प्रबंध किया गया; किंतु इमारत के रहिवासियों ने द्वार का ताला ही नहीं खोला ! अतः बिलिवर्स को प्रार्थना करना असभंव हुआ।

७. इस संदर्भ में स्थानीय रहिवासी श्री. अशोक बाणावलीकर ने यह आरोप किया है कि, निर्माणकार्य व्यावसायिक देशमुखद्वारा किया गया यह अवैध निर्माण कार्य छुपाने के लिए, साथ ही लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए बिलिवर्स की सहायता ली जा रही है !

८. श्री. बाणावलीकर ने बताया कि, बिलिवर्स की प्रार्थना के संदर्भ में उप-जनपदाधिकारी श्री. चंद्रकांत शेटकर की ओर सुनवाई चल रही थी एवं प्रार्थना के लिए स्थगिती आदेश होते हुए भी यह प्रार्थना आरंभित रखी गई।

९. उस अवसर पर इमारत के रहिवासी श्री. सिद्धार्थ कांबळी, श्रीमती नीता बाणावलीकर, श्रीमती अखिला परब तथा श्रीमती मीता नाईक ने पत्रकारों के पास इमारत के रहिवासियों का उचित पक्ष प्रस्तुत किया।

म्हापसा पुलिस की, कार्रवाई करने में टालमटोल !

यदि हिन्दूत्वनिष्ठों के विरोध में कुछ भी कार्रवाई करनी होती, तो त्वरित कार्रवाई करनेवाले पुलिस बिलिवर्सवालों के विरोध में कार्रवाई क्यों नहीं करते ?

देशमुख आर्केड को-ऑप हाऊसिंग सोसायटी में आरंभ बिलिवर्स की प्रार्थना के संदर्भ में म्हापसा पुलिस ने पूछताछ कर म्हापसा के उप-जनपदाधिकारी को फरवरी मास में ही एक ब्यौरा प्रस्तुत किया था।

इस ब्यौरे में यह प्रस्तुत किया गया है कि, इमारत में निर्माण व्यावसायिक विजय देशमुख के प्रयासों के कारण ही हर रविवार के दिन बिलिवर्स प्रार्थना करते हैं तथा उसे इमारत के रहिवासियों का विरोध है !

पूछताछ के पश्चात यह बात ध्यान में आई कि, इस प्रार्थना के लिए किसी भी अधिकारी से स्वीकृती प्राप्त नहीं की गई है। साथ ही ब्यौरे में अंत में यह प्रस्तुत किया गया है कि, यह प्रकार गत दो वर्षों से आरंभ है; किंतु इस संबंधी के परिवाद में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है ! (दो वर्ष प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का कार्य आरंभ था, अपिुत इस अपराध की याचिका प्रविष्ट नहीं की गई, यह प्रशासन का ‘अपयश’ या बिलिवर्सवालों के ‘राजनीतिक संबंध’ ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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