‘क्रूरता’ की सारी हदें पार कर चुका ‘इस्लामिक स्टेट’ !
बगदाद : क्रूरता की सारी हदें पार कर चुके इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने १९ यजीदी लड़कियों को लोहे के पिंजरों में बंद कर सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में जिंदा जला दिया। इन लडकियों को आतंकी संगठन ने ‘यौन दासी’ के तौर पर उपयोग करने के लिए बंधक बनाया था, किंतु आतंकियों से यौनसंबंध बनाने से इनकार करने पर इन्हें जिंदा जला दिया गया।
इस्लामिक स्टेट ने अगस्त २०१४ में उत्तरी इराक के यजीदी बहुल क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया था। इसके चलते करीब ४०,००० हजार लोगों को अपना घर छोडकर भागना पड़ा है। आतंकियों ने कर्इ यजीदी लोगों की अब तक हत्या की है, वहीं महिलाओं और किशोरियों को यौन संबंध दासियों के तौर पर बंधक बना लिया है।
एक स्थानीय मीडिया कार्यकर्ता अब्दुल्लाह अल-मल्ला ने कुर्दिश समाचार एजेंसी ‘एआरए न्यूज’ को बताया, ‘इन लड़कियों को आतंकियों से यौनसंबंध से इनकार करने की सजा दी गई।’ एक प्रत्यक्षदर्शी ने एजेंसी को बताया, ‘१९ लड़कियों को जिंदा जला दिया गया, जबकि सैकड़ों लोग देख रहे थे !’ इन लडकियों को दी जा रही क्रूर सजा से बचाने के लिए किसी ने कोई प्रयास नहीं किया। एक अनुमान के मुताबिक २०१४ के मध्य से अब तक आईएस आतंकियों ने करीब ३,००० यजीदी लडकियों को यौन दासी बना लिया है।
इनमें से एक हजार से अधिक लड़कियों को सिंजर पर्वत पर बंदी बनाकर रखा गया है। इन्हें सामूहिक हत्याकांड और सामुहिक बलात्कार का सामना करना पड़ रहा है। इस्लामिक स्टेट की ओर से कब्जाए क्षेत्रो में इस्लाम को न माननेवाले लोगों को आतंकी बंधक बनना लेते हैं और महिलाओं को ‘यौन दासी’ के तौर पर रखा जाता है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स