एक राजा जो कभी किसी के आगे झुका नही। जिसकी वीरता की कहानी सदियों बाद भी लोगों के जुबान पर हैं। जो चलता तो आंधी आती और दुश्मन पर हमला करता तो कहर ढाहता था। इतिहास आज भी इन्हें महाराणा प्रताप के नाम से जानता है। महाराणा प्रताप मेवाड़ के महान हिंदू शासक थे। सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे। जिसनें मिटना पसंद किया लेकिन मुगलों की गुलामी नही चाहि।
१.आप जानतें हैं महाराणा प्रताप के भाले का वजन ८० किलो था और कवच का वजन 80 किलो था और कवच भाला,कवच,ढाल,और हाथ मे तलवार का वजन मिलाये तो २०७ किलो।
२. महाराणा प्रताप का वजन ११० किलो और लंबाई ७’५ फीट थी, महाराणा प्रताप कि तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रालय में सुरक्षित है।
३. अकबर ने राणा प्रताप को कहा था की अगर तुम हमारे आगे झुकते हो तो आधा भारत आप का रहेगा, लेकिन महाराणा प्रताप ने कहा मर जाऊँगा लेकिन मुगलों के आगे सर नही नीचा करूंगा।
४. अकबर ने अपने ८५००० सैनिक लेकर राणा प्रताप से लड़ाई लड़ने आया था जब की राणा प्रताप के पास सिर्फ २०००० सैनिक थे।
५. आज हल्दी घाटी के युद्ध के ३०० साल बाद भी वहां की जमीनो में तलवारे पायी जाती हैं।
६. जब राणा प्रताप युद्ध में घायल हो गए तब उनके घोड़े चेतक ने महाराणा को २६ फीट की खाई को एक छलांग में पार किया था, जब चेतक ने देख लिया की राणा सुरक्षित हैं तब उसने अपना दम तोडा। आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है जहां चेतक ने दम तोडा था वहां एक मंदिर है।
७. महाराणा प्रताप ने सोने चांदी और महलो को छोड़ वो २० साल मेवाड़ के जंगलो में रहें और वहां ख़ास की रोटी खाते थे लेकिन अकबर के आगे झुके नही। अकबर ने एक बार कहा था की अगर महाराणा प्रताप और जयमल मेड़तिया मेरे साथ होते तो हम विश्व विजेता बन जाते।
८. जब महाराणा प्रताप के देहांत की खबर अकबर ने सुना तो उनकी बहादुरी को याद कर के वो भी रो पड़ा था।
स्त्रोत : इंडिया.कॉम