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खिसक रही है इस्लामिक स्टेट की जमीन, पैसे की तंगी, २२ प्रतिशत भूभाग पर नियंत्रण समाप्त !

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दमिश्क : इस्लामिक स्टेट न केवल आर्थिक तंगी से जूझ रहा है अपिुत अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में भी उसकी पकड कमजोर होती जा रही है । इस्लामिक स्टेट की राजधानी कहे जाने वाले रक्का शहर में ४ जून को सीरिया सुरक्षा बलों ने आक्रमण किया । कहा जा रहा है कि, सीरिया के हमले में इस्लामिक स्टेट के २६ लडाके मारे गए । हालांकि इसमें नौ सीरियाई सुरक्षा बल भी मारे गए । इसके कुछ दिनों पहले ही इराकी सुरक्षा बलों ने भी फलूजा पर नियंत्रण के लि लढाई शुरू कर दी थी ।

नियंत्रण की इस लढाई में इस्लामिक स्टेट का दायरा लगातार सिकुडता हुआ दिख रहा है । अब तक यह आतंकवादी संगठन अपने नियंत्रण में से २२ प्रतिशत क्षेत्र कुर्द, सीरिया और इराक के सुरक्षा बलों के हाथों गंवाया है । इन सबके बीच अंतरराष्ट्रीय मीडिया में यह बात लगातार आ रही है कि, इस्लामिक स्टेट की हालत बेहद खस्ता है ।

पिछले वर्ष जून में इस्लामिक स्टेट के ८० मिलियन डॉलर का राजस्व था तो मार्च, २०१६ तक यह घटकर ५६ मिलियन डॉलर रह गया है । उसके नियंत्रण में रहे लोगों की संख्या भी लगातार घटी है । जून, २०१५ में उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में ९० लाख लोग रह रहे थे तो अब यह संख्या ६० लाख ही रह गई है । पैसे की तंगी का यह परिणाम है कि, इस्लामिक स्टेट ने अपने लडाकों की वेतन में कटौती करके आधी कर दी है ।

बता दें कि, इसकी अर्थप्राप्ति ४२ प्रतिशत तेल के कारोबार से होती है । हालांकि इसमें भी गिरावट देखी जा रही है । २०१५ से इस्लामिक स्टेट की तेल से होने वाली अर्थप्राप्ति में २६ प्रतिशत की गिरावट आई है ।

इस्लामिक स्टेट अलग-अलग तरह के कर भी लगाता है जो उसकी अर्थप्राप्ति का ५० प्रतिशत हिस्सा है । इसमें १० प्रतिशत अर्थप्राप्ति कर लिया जाता है, १५ प्रतिशत व्यवसाय कर है, २ प्रतिशत बिक्री कर, बैंक से नकदी निकालने पर ५ प्रतिशत कर लिया जाता है । उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र में रह रहे लोगों को जजिया कर भी देना होता है ।

संदर्भ : नवभारत टाइम्स

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