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मुसलमान संगठनोंके विरोध के आगे झुका आयुष मंत्रालय !
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ॐ का उच्चारण तो योग का प्राण है, बिना ॐ उच्चारण से योग करने में कोई ‘अर्थ’ ही नहीं ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
नई देहली : इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के असवर पर ‘सूर्यनमस्कार’ आसन नहीं होंगे और ॐ का उच्चारण करना भी अनिवार्य नहीं होगा। २१ जून को होने वाले आयोजन को लेकर आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने इस बात की जानकारी दी है। मंत्री ने कहा कि, योग ॐ के उच्चारण के बिना अधूरा है, किंतु ऐसा करना अनिवार्य नहीं होगा।
इस आयोजन में सरकार की ओर से सैकडों करोड रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है। योग दिवस के आयोजन की नोडल एजेंसी बनाए गए आयुष मंत्रालय के श्रीपाद नाइक ने कहा, ‘पिछले वर्ष भी हमने सूर्यनमस्कार आसन को सम्मिलित नहीं किया था। यह कठिन व्यायाम है। इसे ४५ मिनट में पूरा करना कठिन होता है और व्यायाम करनेवाले नए लोगों के लिए यह मुश्किल होता है।’
नाइक ने कहा कि इसी वजह से हमने इस साल के आयोजन में हमने इसे शामिल नहीं किया है। योग दिवस के मौके पर सूर्यनमस्कार कराए जाने पर मुसलमान संगठनों ने इसका विरोध किया था।
योग दिवस पर ॐ के उच्चारण को लेकर किसी तरह के विवाद से भी नाइक ने इनकार किया। श्रीपद नाइक ने कहा कि इसका उच्चारण करना अनिवार्य नहीं होगा। नाइक ने कहा कि ॐ के बिना योग पूरा नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘कोई भी अच्छा काम होता है तो कुछ लोग उसका विरोध करते ही हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स