बेंगलुरू में हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित ‘रणरागिणी शाखा’ आरंभ !
यदि पुरुष राष्ट्र की सुरक्षा करेंगे, तो महिलाओं को युवतियों का सरंक्षण करना चाहिए ! – श्रीमती अनुपमा रेड्डी, सामाजिक कार्यकर्ती
बेंगलुरु : महिलाओं को शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक दृष्टि से सक्षम करने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित ‘रणरागिणी’ इस महिला शाखा का, आदीचुंचनगरी, समुदायभवन, विजयानगर में उद्धाटन किया गया।
इस अवसर पर बेंगलुरु की अनुबंध न्यास की सामाजिक कार्यकर्ती श्रीमती अनुपमा शेट्टी संबोधित कर रही थी। अपने संबोधन में उन्होंने यह प्रतिपादित किया कि, ‘आज अभिभावक अपने पाल्यों को उचित पेहराव के संदर्भ में कुछ नहीं बताते। आज ‘धर्म’ के प्रति अभिमान का अभाव रहने के कारण युवतियां ‘लव्ह जिहाद’ के चंगुल में फंसती जा रही है। अतः हिन्दू धर्मीय सभी युवतियों की रक्षा करने हेतु हमें ही नेतृत्व करना चाहिए !’
यदि पुरुष राष्ट्र की सुरक्षा करेंगे, तो महिलाओं को युवतियों का सरंक्षण करना चाहिए, ऐसा भी उन्होंने कहा !
इस उद्धाटन कार्यक्रम के लिए हिन्दू जनजागृति समिति के समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद, रणरागिणी शाखा की समन्वयक कु. भव्या गौडा तथा मैसूर, हासन तथा तुमकूर की रणरागिणी शाखा की समन्वयक श्रीमती सुमा मंजेश ने उपस्थितों को मार्गदर्शन किया।
महिलाओं के धर्माचरण के अभाव के कारण, उन पर होनेवाले अत्याचारों में वृद्धि ! – कु. भव्या गौडा
हमारा इतिहास देखते हुए लडाई करना, वेदों का अभ्यास करना आदि सभी क्षेत्रों मे हिन्दू स्त्री ने असाधारण ध्येय साध्य किए हैं; क्योंकि उस समय वे ‘धर्माचरण’ करती थी। वर्तमान की महिला सभी क्षेत्र में रहकर भी उन पर होनेवाले अत्याचार बढ रहे हैं, क्योंकि वह ‘धर्माचरण’ नहीं करती !
अब रक्षकही भक्षक हुए हैं, इसलिए ‘स्वसंरक्षण’ के लिए किसी पर निर्भर रहने की अपेक्षा हमें स्वावलंबी बनना चाहिए, साथ ही संगठन महत्त्वपूर्ण है, ही !
हिन्दू स्त्री को ‘धर्म’ का विस्मरण होने के कारण ही उससे धर्म का अनादर हो रहा है ! – श्री. गुरुप्रसाद
माता के गर्भ में ही बालक पर संस्कार होते हैं। जिजामाता के मन में ‘राष्ट्र एवं धर्म’ की रक्षा के संदर्भ में तीव्र विचार रहने के कारण ही उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज को वैसा तैयार करना संभव हुआ।
आज हिन्दू स्त्री को अपने ‘धर्म’ का विस्मरण होने के कारण ही उनकेद्वारा ‘धर्म’ का आदर नहीं किया जाता; इसलिए उनसे ‘धर्मविरोधी’ कृती की जाती है !
आज ‘लव्ह जिहाद’ के विरोध में लडा देने के लिए, धर्मप्रसार करने के लिए, ‘भक्ति’ होनेवाली हिन्दू स्त्रियों का संगठन करना, प्रसिद्धीमाध्यमों में होनेवाली अश्लीलता दूर करना, साथ ही हिन्दुओं में संगठन करना, ये रणराागिणी शाखा के ५ प्रमुख उद्दिष्ट हैं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात