नई देहली : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना में हिंदुओं के पलायन के मुद्दे की जांच के लिए भाजपा ने नौ सदस्यों का एक दल कैराना भेजने का निर्णय लिया है । पक्ष के उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि, जांच कमिटी की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी । भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कहा है कि, पक्ष अगर सत्ता में आई तो कैराना छोडने वाले हिंदुओं का पुनर्वास करेगी ।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भाजपा के उच्च स्तरीय जांच दल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पक्ष सांसदों को शामिल किया जा सकता है । हाल ही में भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री हुकुम सिंह ने दावा किया था कि, कैराना शहर से बडे पैमाने पर हिंदुओं का पलायन हुआ है । उन्होंने वर्ष २०१४ से मुस्लिम बहुल क्षेत्र कैराना से ‘पलायन करने वाले’ ३४६ हिंदू परिवारों की सूची भी जारी की है ।
सांसद ने दावा किया कि, शहर में कम से कम १० सांप्रदायिक हत्याएं हुई हैं और बीते तीन वर्षों में कैराना ‘नया कश्मीर’ बन गया है । हालांकि, कांग्रेस नेता नीम अफजल हुकुम सिंह के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि, ‘हुकुम सिंह का दावा जांच का विषय है । इसकी जांच होनी चाहिए । उनके दावे में मुझे सच्चाई नहीं लगती है । कुछ लोग रोजगार या कारोबार के कारण से कहीं जाते हैं तो यह दूसरा मामला है ।’
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि, कारागार में बंद गैंगस्टर मुकिम कला के गुंडों द्वारा लूट और जबरन उगाही के कारण से कुछ परिवारों ने कथित तौर कैराना छोडा है । इनमें हिंदू और मुसलमान दोनों ही बिरादरी के लोग हैं और कैराना छोडने वाले ज्यादातर लोग आर्थिक रूप से ठीक-ठाक थे ।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी अन्य समुदाय के ‘अपराधियों के डर से’ कैराना छोडने वाले परिवारों के मसले पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है ।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान ने राज्य की सत्तारूढ समाजवादी पक्ष पर हिंसा भडकाने वाले तत्वों को बढावा देने का आरोप लगाया है, जबकि जवाब में विरोधियों का कहना है कि, भाजपा चुनावी फायदे के लिए सांप्रदायिक तनाव को हवा देने का प्रयास कर रहा है ।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स