बेंगलुरु : देश में हिन्दू विरोध का एक आैर उदाहरण देखने को मिला जब शहर के निजी पाठशाला ने एक हिन्दू बच्चे को पाठशाला से मात्र इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने बालों की चोटी रखी हुई थी। हैरत की बात तो यह है कि बच्चा केजी का छात्र है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सेंट विंसेट पलौटी में मंजुनाथ बी.सी का बेटा विष्णु एलकेजी में पढ़ता था। ६ जून को जब मंजुनाथ उसे पाठशाला लेने गए, तो उन्हें पता चला कि उनके बेटे को पाठशाला से निकाल दिया गया है।
इस बारे में जब उन्होंने पाठशाला के प्रमुख से बात की तो प्राचार्य ने उनसे कहा कि, पाठशाला के नियमों के अनुसार लडके चोटी नहीं रख सकते हैं।
प्राचार्य ने कहा कि, यदि वह विष्णु को उस पाठशाला में पढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें उसके बालोंकी शिखा कटवानी होगी । पाठशाला प्रबंधन ने बच्चे का प्रवेश शुल्क (फीस) भी लौटा दिया ।
वहीं मंजुनाथ ने प्रिंसिपल से कहा कि, उनका बेटा केवल साढे तीन साल का ही है और उनके परिवार में बच्चे के ५ साल का होने के बाद ही उसके बाल काटने की परंपरा है।
अब मंजुनाथ शहर के बाकी पाठशालाों में अपने बेटे के दाखिले के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सभी पाठशाला में दाखिले की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है।
स्त्रोत : रिव्होल्टप्रेस हिन्दी