हिन्दू महिलाओं को ऐतिहासिक वीरांगनों का आदर्श अपने सामने रखना चाहिए ! – श्रीमती सुनीता दीक्षित
बार्शी (जिला सोलापुर) : ‘राष्ट्र एवं धर्म रक्षा’ हेतु हिन्दू महिलाओं को धर्माचरणी होना चाहिए, ‘धर्म’ पर होनेवाले आघात रोकने हेतु ‘धर्मशिक्षा एवं स्वसुरक्षा प्रशिक्षण’ लेकर सक्षम होना चाहिए, इस के लिए चलचित्र (फिल्म) की अभिनेत्रियों का नहीं, अपितु ऐतिहासिक वीरांगनों का आदर्श अपने सामने रखना चाहिए, रणरागिणी शाखा की सोलापुर जिला संगठक श्रीमती सुनीता दीक्षित ने ऐसे प्रतिपादित किया।
इस अवसर पर रणरागिणीयोंद्वारा ‘अश्लीलता’, ‘लव्ह जिहाद’, ‘धर्मपरंपराओं को विरोध’ इस प्रकार के ‘धर्म’ पर होनेवाले आघातों के विरोध में ‘रणसिंग’ फूंका गया ! ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के व्यापक ध्येय से प्रेरित होकर रणरागिणी की बार्शी शाखा का ‘धर्मपरंपरा रक्षा आंदोलन’ का आरंभ हुआ।
इस समय रणरागिणीयोंद्वारा भारत को पुनः ‘विश्वगुरुपद’ पर विराजमान करने हेतु तथा ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु अंतिम सांस तक कार्यरत रहने की प्रतिज्ञा की गई !
यह कार्यक्रम १२ जून को सायं समय ५ बजे संपन्न हुआ। इस अवसर पर व्यासपीठ पर हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती राजश्री तिवारी उपस्थित थीं। श्रीमती राजश्री तिवारी के शुभहाथों झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का पूजन किया गया तथा श्री वेदवेदांत समिति की श्रीमती रेखा जिकरेद्वारा मान्यवरों का सम्मान किया गया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात