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पुणे में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !

पुणे के ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में, हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा (कैराना-उत्तरप्रदेश) हिन्दुओं के तत्काल पुनर्वसन की मांग

हिन्दुओं को स्वसंरक्षण हेतु सदैव सिद्ध होना आवश्यक ! – प्रा. गजानन नेरकर, हिन्दू महासभा

आंदोलन में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठ
आंदोलन में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठ

पुणे : बहुसंख्यक होते हुए भी हिन्दुओं पर उनके अधिकारों की मांग करने हेतु आंदोलन करना पड़ता है; क्योंकि हिन्दुओं को अब तक सर्वधर्मसमभाव की ‘घूंटी’ पिलाई गई है !

‘लव्ह जिहाद’ कर हिन्दू युवतियों को फंसाना एवं जनसंख्या अथवा बस्ती बढा कर हिन्दुओं को अल्पसंख्यक करना धर्मांधों का षड्यंत्र है !

आज हिन्दुत्वनिष्ठ कहलवानेवाला शासन हिन्दुओं से कांग्रेस से भी अधिक लज्जाजनक पद्धति से व्यवहार कर रहा है। हिन्दुओं को स्वसंरक्षण प्रशिक्षण ग्रहण करना समय की आवश्यकता है, अनिवार्य हो गया है ! शीघ्र ही कैराना के हिन्दुओं की सहायता हेतु हिन्दू महासभा का एक पथक जाएगा। हिन्दू महासभा के राज्य संगठक प्रा. गजानन नेरकर ने ऐसा प्रतिपादन किया।

उत्तरप्रदेश के कैराना में, धर्मांधों के अत्याचारों के कारण विस्थापित हिन्दू परिवारों का तत्काल पुनर्वसन करने तथा उन्हें पुलिस सुरक्षा देने की मांग को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १५ जून को यहां के जिलाधिकारी कार्यालय के सामने ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया। इस अवसर पर वे बोल रहे थे।

इस आंदोलन में, संतश्री आसारामबापू साधक परिवार के श्री. अमोल कुलकर्णी, गार्गी सेवा फाऊंडेशन के श्री. विजय गावडे, माहिती सेवा समिति के श्री. चंद्रकांत वारघडे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. सुधाकर संगनवार, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के श्री. आनंद दवे, हिन्दू एकता आंदोलन के अधिवक्ता श्री. राजाभाऊ देशपांडे, सनातन संस्था के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता समेत ७० से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।

क्या, यही अच्छे दिन हैं ? – अधिवक्ता श्री. राजाभाऊ देशपांडे

दो वर्ष पूर्व भाजपा शासन ने जनता को ‘अच्छे दिन’ का सपना दिखाया था। आज कैराना के हिन्दुओं को धर्मांधों के अत्याचारों के कारण विस्थापित होना पडा है। क्या शासन हिन्दुओं को ऐसे ‘अच्छे दिन’ दिखाना चाहता है ? हिन्दुत्वनिष्ठ कहलवानेवाले पक्ष को हिन्दुत्व से प्रतारणा करते हुए हिन्दुओं पर अन्याय करना अपेक्षित नहीं है। इस के प्रत्युत्तर के रूप में हिन्दुओं को संगठित होकर आज से संघर्ष करने हेतु सिद्ध होना चाहिए।

हिन्दुओं के संदर्भ में जो कश्मीर में हुआ, वही अन्य राज्यों में भी होता दिखाई दे रहा है। सभी हिन्दुओं को एक ‘धर्म कर्तव्य’ के रूप में ऐसे आंदोलनों में सम्मिलित होकर हिन्दुओं को न्याय मिलने हेतु आवाज उठानी चाहिए। संतश्री आसारामबापू सेवा समिति के श्री. अमोल कुलकर्णी ने ऐसा प्रतिपादन किया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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