नागपुर के ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ में मांग
८ वर्ष तक साध्वी प्रज्ञासिंह का शोषण करनेवाली पुलिस तथा तत्कालीन राज्यकर्ताओं पर तुरंत कार्रवाई करें !
नागपुर : मालेगांव बमविस्फोट प्रकरण में राष्ट्रीय अन्वेषण यंत्रणाद्वारा (एनआयए) १३ मई को प्रस्तुत किए गए पूरक आरोपपत्र से साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित एवं अन्य दोनों के नाम हटा दिए गए हैं !
तत्कालीन आतंकवादविरोधी दल एवं राज्यकर्ताओं ने सर्वथा मिथ्थ्या आरोप लगाकर साध्वी एवं उन के सहयोगियों का अमानवीय शोषण किया है, यह इससे स्पष्ट होता है ! इस शोषण के लिए उत्तरदायी पुलिस अधिकारी एवं कांग्रेस के तत्कालीन राज्यकर्ताओं के विरोध में कार्रवाई की जाए।
२०११ से इस अभियोग को जानबूझकर प्रलंबित रखनेवाले एनआयए के अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई हो। इन सब अभियोगों को शीघ्रातिशीघ्र न्यायालय में चलाकर साध्वी प्रज्ञासिंह एवं अन्य हिन्दुओं के साथ न्याय किया जाए। इस मांग को तथा अन्य मांगों के लिए १४ जून को संविधान चौक, नागपुर में दोपहर ४ से ६ की अवधि में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया।
इस आंदोलन में, सनातन संस्था की श्रीमती मंगला पागनीस, रणरागिणी शाखा की श्रीमती नंदा खंडागळे, साथ ही समिति के श्री. श्रीकांत क्षीरसागर एवं श्री. अभिजीत पोलके ने संबोधित किया।
इस समय बालभारती की छठीं कक्षा की पुस्तक में भारत के मानचित्र का विकृतीकरण करनेवाले तथा अन्य गंभीर गलतियां करनेवाले सभी संबंधित व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, यह मांग भी रखी
गई।
क्षणचित्र : पुलिसकर्मी, आंदोलन समाप्त होने तक रुकें, आंदोलन में प्रस्तुत किये गये विषयों को समझ कर लिया। सनातन संस्था के बारें में उन्होंने कहा कि, आपका आंदोलन हमें अत्यंत अच्छा लगा तथा उसका विषय भी रास आया। केवल हमारे कर्तव्य के दायित्व के कारण हम आपके आंदोलन में सम्मिलित नहीं हो सकते !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात