विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी (गोवा) – पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में लखनऊ (उत्तरप्रदेश) के हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के अधिवक्ता श्री. विष्णुशंकर जैन ने प्रतिपादित किया कि, आज भारतीय दंड विधान की धारा १९ का उपयोग व्यक्ति के अनुरूप परिवर्तित किया जा रहा है । श्री. कमलेश तिवारी द्वारा कथित धर्मभावना आहत करनेवाला वक्तव्य करने के प्रकरण में वे गत ७ महिनों से कारागृह में पडे हुए हैं; परंतु उसी समय हिन्दुआें की धर्मभावनाएं आहत करनेवाले आजम खान और अकबरुद्दीन आेवैसी पर उसी धारा के अनुसार कार्यवाही होकर भी उन्हें जमानत दी गई ।
आज हमारी मनीषा है कि, संविधान में योग्य परिवर्तन कर हिन्दू राष्ट्र स्थापित किया जाए; परंतु कुछ विधि विशेषज्ञ केशव नंदा भारती अभियोग के आधार पर कहते हैं कि संविधान के मूल ढांचे में परिवर्तन नहीं किया जा सकता । प्रत्यक्ष में इस अभियोग के १३ न्यायमूर्तियों में से केवल एक न्यायमूर्ति ने वह निष्कर्ष प्रस्तुत किया था । ऐसे सूत्रों का उपयोग हिन्दुआें को अंधेरे में रखने के लिए किया जाता है । हिन्दू राष्ट्र की न्यायालयीन प्रक्रिया में यह झूठ हटा दिया जाएगा तथा सभी को समान न्याय मिलेगा । वे पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के प्रथम दिवसीय धर्मरक्षा के लिए न्यायालयीन स्तर पर किए जानेवाले प्रभावी कार्य और वैचारिक मार्गदर्शन के सत्र में बोल रहे थे । इस सत्र में उपस्थित अधिवक्ताआें का स्वयंस्फूर्त प्रतिसाद मिला । सत्र के प्रारंभ में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता संगठक श्री. नीलेश सांगोलकर ने परिषद के सफल कार्य का वार्षिक ब्यौरा दिया ।