पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता श्री. चेतन मणेरीकर ने कहा कि, अनेक प्रसंगों में दंगों के समय धर्मांध दंगे करते हैं तथा हिन्दुआें को अन्यायपूर्वक बंदी बनाया जाता है । ऐसे समय अनुभव हुआ है कि, धर्मप्रेमी अधिवक्ता पुलिस को दूरध्वनि द्वारा अथवा आवश्यकतानुसार पत्र से उसका भान करवाते हैं तथा पुलिस धर्मांधों पर कार्यवाही करती है ।
अधिवक्ताआें को न्यायालयीन प्रक्रिया ज्ञात होती है, इसलिए उन्हें कारागृह में बंदी बनाए गए कार्यकर्ताआें की मानसिकता संभालने की महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए । ऐसा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर संभावित दंगे टालने में सहायता मिल सकती है । इस पद्धति से कार्य करने पर एक धर्मप्रेमी अधिवक्ता एक सहस्र (हजार) से अधिक धर्मप्रेमियों का संगठन सहजता से कर सकता है । इसी कारण बेलगांव में आज श्रीराम सेना, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति आदि के कार्यकर्ताआें में धर्मप्रेमी अधिवक्ताआें के प्रति विश्वास निर्माण हुआ है ।