हिन्दू अधिवेशन के प्रथम दिन हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी.ने उपस्थित मान्यवरोंको संबोधित करते हुए कहा, मैंने अपने गुरुपर श्रद्धा रखकर सत्य को पकडकर जनताद्रोही राज्यकर्ताआें से संघर्ष किया । गुरुकृपा से मुझे उसमें सफलता मिली । उसमें न्यायालयीन प्रक्रिया के विधिसंमत अधिकारों का उपयोग किया । प्रसंग आनेपर मैंने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के विरोध में भी आवेदन दिए तथा वह संघर्ष सफल बनाया । उसके पश्चात मैंने सूचना के अधिकारों के अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा उपयोग में लाए गए जनता के ७० लाख रुपए पुनः शासन की तिजोरी में जमा करवाए ।
गोवा राज्यशासन और केंद्रशासन ने श्रीराम सेना के श्री. प्रमोद मुतालिक को गोवा राज्य में प्रवेश हेतु प्रतिबंधित किया है । आज हम इस अधिवेशन में निश्चय करते हैं कि, अगले अधिवेशन में श्री. मुतालिक उपस्थित रहने के लिए हम प्रयास करेंगे !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा से माताजी की मृत्यु के पश्चात भी मैं स्थिर – अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी.
सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा से हिन्दू राष्ट्र आनेवाला ही है । आज उनकी कृपा से ही मैं मेरी माताजी के देहांत के ११ दिन पश्चात ही आप सबके सामने धैर्यपूर्वक बोल सका ।
राष्ट्र एवं धर्म कार्य हेतु जीवन समर्पित करने का आदर्श रखनेवाले हिन्दु विधिज्ञ परिषद के कर्नाटक समन्वयक अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी. !
कर्नाटक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता, साथ ही हिन्दु विधिज्ञ परिषद के कर्नाटक समन्वयक अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी. उन की माता की मृत्यु के पश्चात ११ वां दिन होकर भी पंचम अखिल भारतिय हिन्दु अधिवेशन में सम्मिलित हुए हैं । इस विषय में उन्होंने कहा, मैने राष्ट्र एवं धर्म के लिए अपना जीवन समर्पित किया है; इसलिए यहां उपस्थित रहना तो मेरा कर्तव्य ही है । प.पू. डॉक्टरजी (हिन्दू जनजागृति समिती के प्रेरणास्त्रोत परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी) की प्रेरणा के कारण ही मैं यहां आ सका । (इस प्रकार का राष्ट्र एवं धर्म का प्रेम कितने हिन्दुआें में है ? ऐसे राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी अधिवक्ता ही सनातन हिन्दु धर्म की शक्ती हैं ! – संपादक)