बुद्धिमत्ता समूह के अध्यक्ष तथा संस्थापक न्यासी अधिवक्ता श्री. कमलेशचंद्र त्रिपाठी ने अधिवक्ताआें के हुए उद्बोधन सत्र में कहा कि, भारत प्राचीन काल में विश्वगुरु था । आज भी हिन्दू धर्म में शक्ति है; परंतु हमने ही अपने हिन्दुत्व और धर्म को तिलांजली दे दी और पीछे रह गए । आज १४ प्रतिशत अल्पसंख्यक ८० प्रतिशत हिन्दुआें पर हावी होते हैं क्योंकि हिन्दुआें ने धर्म को नहीं जाना । इस देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा होती है; क्योंकि वे संगठित हैं । आज यदि हमारा कोई पुत्र गुंडा बनता है, तो पालकों को उस विषय में कुछ नहीं लगता; परंतु यदि वह धर्म के लिए पूर्णकालिक कार्य करने लगे, तो उन्हें दुःख लगता है । यह स्थिति परिवर्तित करने के लिए हिन्दुआें को धर्मशिक्षा देने की आवश्यकता है ।