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धर्मरक्षा के कार्य में साधना करने के कारण ही सफलता निश्‍चित – डॉ. उपेंद्र डहाके, कल्याण उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पक्ष

डॉ. उपेंद्र डहाके, कल्याण उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पक्ष, ठाणे

रामनाथी (गोवा) – भारतीय जनता पक्ष के डॉ. उपेंद्र डहाकेजी ने पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में उपस्थित धर्माभिमानियों को साधना के बल पर स्वयं धर्महित के संदर्भ में किए गए संघर्ष के विषय में उपस्थितों को अवगत किया ।

डॉ. डहाके बोले कि,

१. गोमांस की यातायात करनेवाले ट्रक के संदर्भ में मैंने पुलिस को जानकारी दी । उन्होंने ट्रक पकडा; परंतु कार्यवाही करना टाला ।

२. मैंने धर्माभिमानियों को भी साथ लिया था; परंतु एक पुलिस निरीक्षक ने मुझपर दबाव बनाकर धर्मांधों की सहायता करने का प्रयास किया ।

३. मैं नामजप कर रहा था, इसलिए मेरा आत्मबल बढ गया था, अतः मैं नहीं झुका । रात्रि दस बजे से सवेरे ४ बजे तक मैंने विविध प्रयास किए, स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी मिला; परंतु कार्यवाही नहीं हुई ।

४. तत्पश्‍चात मैंने इसके विरोध में न्यायालय में परिवाद किया । स्थानीय महिला न्यायाधीश भी इस प्रकरण पर कार्यवाही करने का साहस नहीं कर रही थीं । अनेक प्रयास करने के पश्‍चात उन्होंने सुनवाई की ।

५. तत्पश्‍चात उस पुलिसवाले के विरोध में परिवाद प्रविष्ट करवाते समय भी ३ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मुझ पर दबाव बनाने का प्रयास किया । मुझे दोपहर से बिना भोजन के ४ घंटे प्रतीक्षा करवाकर सताने का प्रयास किया ।

६. मैं भगवान श्रीकृष्ण का नामजप और प्रार्थना कर रहा था, इसलिए उनके साथ वैचारिक संघर्ष कर सका तथा उसमें सफल हुआ ।

७. परिणामस्वरूप महाराष्ट्र में जब गोहत्या प्रतिबंधक कानून लागू हुआ, उसी दिन उस पुलिस निरीक्षक पर कार्यवाही हुई ।

८. धर्मकार्य करते समय साधना करने से इस प्रकार अपना कार्य पूर्ण होने हेतु ईश्‍वर की सहायता मिलती है, इसलिए धर्मकार्य करनेवालों को साधना करना अत्यावश्यक है ।

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