रामनाथी (गोवा) – हिन्दुआें के देवालय, उन पर धर्मांधों का परोक्ष आक्रमण, देवालयों की दुरावस्था आदि के संदर्भ में प्रश्नों को हिन्दू भलीभांति जानते हैं; परंतु उनके संदर्भ में योग्य कृति करते हुए उनके द्वारा गडबडी नहीं होती । मुझे भी अपने देवालयों के संदर्भ में कुछ समस्याएं दिखाई दीं । तब मैंने उन समस्याआें का पूर्ण अध्ययन किया । उस संदर्भ में आवश्यकतानुसार सूचना के अधिकारों के अंतर्गत जानकारी भी मंगवाई । तत्पश्चात उस समस्या के संदर्भ में सरल वर्णन करनेवाला पत्र समाचार पत्रों को दिया तथा वही पत्र कतरन सहित मुख्यमंत्री और शासकीय अधिकारियों को भेजा । इसलिए हिन्दुआें की अनेक समस्याआें पर मुख्यमंत्री ने भी योग्य कार्यवाही की । अर्थात अभ्यासपूर्ण और प्रभावी पत्रलेखन द्वारा हिन्दू धर्म के लिए बडा योगदान दिया जा सकता है, ऐसा विश्वास रंगा रेड्डी (तेलंगाना) के श्री. के.वी. रमणमूर्ति ने व्यक्त किया । वे यहां हो रहे पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के द्वितीय दिवस के अंतिम सत्र में संबोधित कर रहे थे । भाषण के अंत में श्री. रमणमूर्ति ने स्पष्ट कहा कि, हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है तथा वह मैं अवश्य प्राप्त करूंगा !
श्री. रमणमूर्ति बोले कि,
१. एक देवालय के सामने से एक वाहन रेत की यातायात करता था, जिससे रेत मार्ग पर फैलती थी तथा अनेकों के वाहन फिसलते थे । उस विषय में पत्र लेखन करने पर कुछ रेत माफियाआें ने शासकीय अधिकारियों पर दबाव बनाया; परंतु मैने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था । परिणाम स्वरूप रेत माफियाआें की न मानते हुए शासन को रेत की यातायात बंद करनी पडी ।
२. एक देवालय की दीवार पर धर्मांधों ने अतिक्रमण किया था । मैंने उसकी जानकारी छायाचित्रों सहित समाचारपत्रों में दी । परिणामस्वरूप शासकीय अधिकारियों को वह अतिक्रमण हटाना पडा ।
३. एक देवालय की दानपेटी में जमा होनेवाली विदेशी राशि की गणना ही नहीं की जाती थी । तब डेढ करोड रुपए जमा होते थे । मैंने पत्र द्वारा विदेशी मुद्रा के विषय में समाचारपत्रों में जागृति की । उस विषय में मुख्यमंत्री को भी हस्तक्षेप करना पडा । परिणाम स्वरूप अब दानपेटी में जमा होनेवाली राशि ढाई करोड तक पहुंच गई है ।
४. तिरुपति मंदिर में बनाए जानेवाले इस्लामिक विश्वविद्यालय के विषय में भी इसी प्रकार सूचना के अधिकारों के अंतर्गत जानकारी प्राप्त की । हिन्दू जनजागृति समिति ने आंदोलन हेतु सहयोग किया और आज वहां के निर्माण कार्य पर रोक लगाने में सफलता मिली है ।