विविध संप्रदायों के संतों द्वारा अपने अर्जुनरूपी शिष्य को ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने की प्रतिज्ञा करने का आवाहन !
रामनाथी (गोवा) – आज देश के ९० करोड हिन्दुओं में ८५ प्रतिशत हिन्दू किसी ना किसी संप्रदाय के अनुसार कम-अधिक मात्रा में साधना कर रहे हैं । इसलिए यदि सभी संप्रदाय एकत्रित हुए, तो इस देश में ‘हिन्दू राष्ट्र’ लाने हेतु आवश्यक जनमत सहज सिद्ध हो सकता है । अतः सभी संप्रदायों के प्रमुख संतों को मैं आवाहन करती हूं कि, अब आप ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए आपके अर्जुन, हरिहर-बुक्कराय, चंद्रगुप्त मौर्य तथा छत्रपति शिवाजी महाराज समान शिष्य दें ! उन्हें हिन्दू-राष्ट्र के लिए समर्पित करें; क्योंकि यदि राष्ट्र की रक्षा होगी, तो ही हिन्दू धर्म टिकेगा । हिन्दू धर्म टीका, तो सांप्रदायिक टिकेंगे; क्योंकि उनमें एवं हिन्दू धर्म में अद्वैत है । अतः सांप्रदायिकों से मैं आवाहन करती हूं कि, वर्तमान स्थिति के संधिकाल का लाभ उठाएं ! हिन्दू राष्ट्र स्थापना के साक्षीदार नहीें, अपितु हिस्सेदार बनें ! गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) के ‘वैदिक उपासना पीठ’ की पू. तनुजा ठाकुर ने अपने प्रखर मार्गदर्शन में उपरोक्त वक्तव्य दिए । वे पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में २० जून को सायं समय के ‘सांप्रदायिक एकता’ संबंधित सत्र में बोल रही थीं ।
पू. तनुजा ठाकुर द्वारा किया गया तेजस्वी मार्गदर्शन !
१. सांप्रदायिकों को अहं का त्याग कर केवल हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने हेतु संगठित होना चाहिए ।
२. हम केवल भारत में ही साधना कर सकते हैं; क्योंकि अन्य देश संस्कृति अभाव में नरक समान हो गए हैं ।
३. सांप्रदायिकों के अस्तित्व के लिए भी हिन्दू राष्ट्र अनिवार्य है ।
४. हमें केवल भारत में नहीं, अपितु अखंड भारतवर्ष में हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना है ! इसलिए सांप्रदायिकों को चाहिए कि समष्टि ध्येय रख कर उनके साधकों को हिन्दू राष्ट्र-स्थापित करने के कार्य में सम्मिलित होने को कहना चाहिए ।