विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी : पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में संत श्री आसारामबापूजी की शिष्या पू. साध्वी रेखाबहनजी ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, सनातन हिन्दु धर्म सर्वश्रेष्ठ है । विश्व को गणित की देन देनेवाले श्रीनिवासन रामानुजाचार्य, गुरुत्वाकर्षणकी खोज करनेवाले भास्कराचार्य भारतीय संस्कृतिकी ही देन हैं । इसी कारण अमेरिका के विश्वविद्यालयों में गीता पढाई जाती है । फ्रेंच वैज्ञानिक अँटोनी डेव्हिस ॐकार से निकलनेवाली ध्वनि से अचंबित होते है ।
आज हिन्दु पश्चिमियों की विकृति के पीछे भाग रहे हैं; किंतु उन्हें भारतीय संस्कृती का महत्त्व समझ में नहीं आया है । इसीलिए संत श्री आसारामबापूजीने १४ फरवरी को मातृ-पितृ दिन घोषित किया । २५ दिसंबर से १ जनवरी की अवधि में तुलसीपूजन, गोरक्षण आदि की संकल्पना रखी । हिन्दु पद्धति के अनुसार त्यौहार मनाना, आदिवासी क्षेत्रों में हिन्दुआें को आधार देना, नशामुक्ती आदि का प्रयोजन किया । हिन्दु धर्म सर्वश्रेष्ठ है; किंतु उस का यदि आचरण नहीं किया, तो कभी हिन्दु धर्म था, यह कहने की नौबत आ सकती है । इसीलिए हिन्दु धर्म का आचरण करना अत्यावश्यक है । पू. रेखाबहनजी के मार्गदर्शन के समय संत श्री आसारामबापूजी द्वारा समाजहित हेतु किए हुए कार्य की छोटी-छोटी ध्वनिचित्रचक्रिकाएं (सीडी) दिखाने के कारण विषय प्रभावशाली हुआ ।