रामनाथी (गोवा) : यहा आयोजित पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में उपस्थित मान्यवरोंको अपना अनुभव कथन करते हुए धार आंदोलन तथा हिन्दु महासभा के नेता श्री. जीतेंद्र ठाकुर ने कहा कि, धार (मध्य प्रदेश) की भोजशाला में वसंतपंचमी को श्री सरस्वतीदेवी का पूजन करने के लिए प्रतिबंध किया जाता है; किंतु धर्मांध को वहांपर नमाज पढने दिया जाता है । वहांपर सदैव हिन्दुआेंपर लाठीचार्ज किया जाता है । इसे ध्यान में रखकर हमने इस वर्ष वसंतपंचमी के दिन हिन्दुआेंपर लाठीचार्ज ना हों, इस नियोजनबद्ध पद्धति से २५ जनवरी से आंदोलन का प्रारंभ किया । इस कारण जनजागृति हुई और उससे हिन्दुआेंपर लाठीचार्ज नहीं हुआ । वहांपर जगद्गुरु शंकराचार्यजी उपस्थित हुए; परंतु कुछ राजनीतिक दलों के हिन्दु संगठनों ने ही उन का विरोध किया । यह देखकर हमें आश्चर्य हुआ; परंतु हमने भी निश्चय किया था । जब हम माध्यमों के सामने गए, तब स्थानीय पुलिसपर दबाब आया और उन्होंने मुसलमानों को उनके १ बजे के निहित समय के पूर्व १२ बजे ही नमाज पढने लगाकर उसका चित्रीकरण (शुटींग) कर लिया । तदुपरांत दोपहर १२.३० बजे हिन्दुआें को अंदर छोडा गया । वहां हिन्दुआें ने विधिवत पूजा की ।
शासन द्वारा मुसलमानों से उनके समय के पूर्व ही नमाज पढा लिए जाने के कारण नैतिक रुप से हिन्दुआें की ही विजय हुई । इस घटना के कारण हिन्दुत्व की बातें करनेवाले राजनीतिक दलों के विरोध में जनमत प्रक्षुब्ध हुआ । इसीलिए हिन्दुआें से धोखाधडी करनेवाले राजनीतिक दलों के जाल में मत फंसिए । यह आवाहन उन्होंने किया ।
श्री. ठाकुर ने आगे कहा कि, उसके उपरांत हमने कुंभमेले में संतों का सम्मेलन लिया । सम्मेलन से हमारे ध्यान में आया कि, संत हिन्दु राष्ट्र की स्थापना हेतु इच्छुक हैं । इसलिए हिन्दुआें को किसी भी राजनीतिक दलपर निर्भर ना रहते हुए अपने सांप्रदायिक एकता द्वारा हिन्दु राष्ट्र की स्थापना हेतु प्रयास करने की सिद्धता रखनी चाहिए ।