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बांग्लादेशी हिन्दुआें के लिए बांग्लादेश में स्वतंत्र भूमि होनी चाहिए – श्री. सुभाष चक्रवर्ती, पश्‍चिम बंगाल

गोवा में हो रहे पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के स्थल पर संपन्न पत्रकार परिषद में विदेश के हिन्दुआें की व्यथाआें पर डाला गया प्रकाश !

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बाएं से श्री. चेतन राजहंस, श्री. राहुल कौल, श्री. सुभाष चक्रवर्ती, श्री. निरंजन ओझा एवं श्री. मरवनपुलावू सच्चिदानंदन्

रामनाथी – बांग्लादेश के हिन्दुआें की समस्याआें पर आवाज उठानेवाले ‘‘निखिल बंग नागरिक संघ’’ नामक संगठन के सचिव श्री. सुभाष चक्रवर्ती ने पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन स्थल पर २१ जून २०१६ को संपन्न पत्रकार परिषद में मांग करते हुए कहा कि, जब से पूर्व पाकिस्तान बना है, तब से वहां के हिन्दुआें पर अत्यधिक अत्याचार हो रहे हैं । तत्पश्‍चात वर्ष १९७१ में भारत शासन ने स्वतंत्र बांग्लादेश बनाया; परंतु हिन्दुआें पर होनेवाले अत्याचारों में वृद्धि ही हुई है । इसलिए करोडों बांग्लादेशी हिन्दू भारत में पलायन कर रहे हैं । हिन्दू अखंड भारत का अविभाज्य घटक हैं । इसलिए इन हिन्दुआें के लिए भारत शासन बांग्लादेश में स्वतंत्र भूमि (होमलैंड) बनाए । इस अवसर पर नेपाल के ‘फोरम ऑफ नेपालीज मीडिया’ के (नेपाली प्रसारमाध्यम मंच) अध्यक्ष प्रा. निरंजन ओझा, श्रीलंका के श्री. मरवनपुलावू सच्चिदानंदन, ‘यूथ फॉर पनून कश्मीर (हमारा कश्मीर)’ के राष्ट्रीय समन्वयक श्री. राहुल कौल और सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस उपस्थित थे ।

भारत में आए हुए बांग्लादेशी हिन्दुआें को ‘शरणार्थी’ का दर्जा दें !

श्री. सुभाष चक्रवर्ती आगे बोले कि, ‘‘बांग्लादेश के ६५ लाख हिन्दू परिवारों को विस्थापित किया गया । उनकी ८० लाख बीघा भूमि और कृषिभूमि जब्त कर ली गई । पलायन कर भारत में आए बांग्लादेशी हिन्दुआें को ‘शरणार्थी’ का दर्जा (रिफ्यूजी स्टेटस) मिलना चाहिए । बांग्लादेश के हिन्दुआें पर होनेवाले इन अत्याचारों के विषय में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्रसंघ में आवाज उठानी चाहिए तथा भारतीय प्रसारमाध्यमों को बांग्लादेश के हिन्दुआें की सहायता करनी चाहिए । बांग्लादेश में हिन्दू महिलाआें पर बलात्कार करना, भूमि हडपना, मंदिर तोडना, पुजारियों की हत्या करना आदि अत्याचार रोकने के लिए भारत शासन को प्रयास कर बांग्लादेश में हिन्दुआें को सम्मान तथा सुरक्षित स्थान बनाकर देना चाहिए ।’’

कश्मीरी हिन्दुआें के लिए केंद्रशासन पर राष्ट्रभर के हिन्दुआें को संगठित रूप से दबाव बनाना चाहिए ! – श्री. राहुल कौल

वर्ष १९९० में आतंकवादग्रस्त कश्मीर से ४ लाख हिन्दुआें को पलायन करना पडा । सर्वपक्षीय राज्यकर्ता गत २६ वर्ष से विस्थापित कश्मीरी हिन्दुआें का यह प्रश्‍न नहीं सुलझा सके हैं । कश्मीर के विस्थापित हिन्दुआें को अस्थायी निवास देने का शासन का विचार है । ऐसा अस्थायी निवास हमें नहीं चाहिए । कश्मीर से विस्थापित हुए हिन्दुआें के लिए स्वतंत्र स्थान होना चाहिए । इस स्थान पर स्मार्ट सिटी बनाने पर हिन्दू आर्थिक दृष्टि से विकसित हो सकेंगे । कश्मीर से धारा ३७० हटाई जानी चाहिए । विस्थापित हुए कश्मीरी हिन्दू सम्मान के साथ कश्मीर में निवास कर सकें, इसलिए राष्ट्रभर के हिन्दुआें को संगठित होकर केंद्रशासन पर दबाव बनाना चाहिए । इस दृष्टि से कश्मीरी हिन्दुआें के लिए भारतभर में १९ स्थानों पर अधिवेशन आयोजित करना निश्‍चित किया गया है ।

भारत शासन को हिन्दुआें को प्रताडित करनेवाले श्रीलंका शासन पर दबाव बनाना चाहिए ! – श्री. मरवनपुलावू सच्चिदानंदन

५ सहस्र वर्षों से श्रीलंका में रहनेवाले हिन्दुआें को बौद्धों द्वारा प्रताडित किया जा रहा है । श्रीलंका के बौद्ध शासन द्वारा वहां के हिन्दुआें का दमन किया जा रहा है । वहां के हिन्दुआें के साथ गुलामों के समान व्यवहार किया जा रहा है । वहां के मंदिरों का विध्वंस किया गया । मूर्तियां तोडी गईं । निरंतर हिन्दुआें की हत्या की जा रही है । यह प्रताडना गत ६० वर्षों से चल रही है । मई २००९ में ३ लाख हिन्दुआें की हत्या कर दी गर्इ । हिन्दुआें के लगभग २ सहस्र मंदिर तोड दिए गए हैं । प्रत्येक गांव में सेना की छावनी बनाकर बौद्ध मंदिर बनाया गया है । देश की सीमा में आनेवाले हिन्दू मछुआरों को गोलियां मारनेवाला श्रीलंका एकमात्र देश है । हिन्दुआें को मारने तथा पकडने का अधिकारवाला वहां का अत्याचारी कानून परिवर्तित होना चाहिए । इसलिए सक्षम तथा हिन्दू बहुल भारत शासन को वहां के शासन पर दबाव बनाना चाहिए ।

नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए भारत के हिन्दू सहायता करें ! – प्रा. निरंजन ओझा

नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने के लिए वहां के ८५ प्रतिशत हिन्दुआें ने विरोध किया था । अलोकतांत्रिक पद्धति से नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया । नेपाल के संविधान को निधर्मी बनाकर नेपाल के हिन्दुआें का धर्मपरिवर्तन करने का षड्यंत्र है । एक वर्ष पूर्व नेपाल में आए भूकंप के समय प्रलोभन देकर हिन्दुआें का बडी मात्रा में धर्मपरिवर्तन किया गया । वर्ष २०३० तक नेपाल को ईसाई राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र है । इसलिए नेपाल के ईसाई नेता, ईसाई संगठनों का समर्थन प्राप्त नेता, स्वयंसेवी संगठन बडी मात्रा में कार्यरत हैं । इस अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के कारण नेपाल यदि ईसाई देश बन गया, तो उसका सीधा परिणाम भारत पर होनेवाला है । इसलिए नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए भारत शासन तथा भारत के हिन्दुआें को सहायता करनी चाहिए ।’’

पाकिस्तान और बांग्लादेश की समस्याआें पर कृति प्रारंभ होने के पीछे हिन्दू अधिवेशन की प्रेरणा ! – श्री. चेतन राजहंस

इस अवसर पर श्री चेतन राजहंस ने कहा कि ‘पाकिस्तान से भारत में आए हुए हिन्दुआें को भारतीय नागरिकता मिलना और घुसपैठ रोकने के लिए भारत से जुडी बांग्लादेश सीमा सीलबंद करने की प्रक्रिया होना, यह पिछले अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशनों से प्रेरणा लेकर हिन्दुआें द्वारा किए गए प्रयासों का फल है ।’

इस पत्रकार परिषद में ८ समाचार पत्र और ३ समाचारवाहिनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

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